भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव इस महीने में आयोजित किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए मध्य प्रदेश के 62 में से 56 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष के लिए राज्य के 50 प्रतिशत जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा होना जरूरी है। गुरुवार को नौ और जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी गई।
भाजपा ने गुरुवार को जिन जिलों के अध्यक्षों की घोषणा की, उनमें सतना, शहडोल, राजगढ़, धार, पांढुर्णा, खरगोन, ग्वालियर ग्रामीण और सीहोर जिले शामिल है. इस लिस्ट में भी भाजपा ने महिला नेतृत्व को प्रोत्साहन देते हुए शहडोल में अमिता चपरा को जिम्मेदारी सौंपी है। अमिता चपरा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। संगठन पर्व के दौरान भाजपा ने अमिता चपरा को रायसेन की चुनाव अधिकारी नियुक्त किया थाजिसके बाद उनकी नियुक्ति पर भी प्रश्न उतने लगे है
संजीव कुमार गुप्ता ने अपने ब्लॉग सत्यवचन में लिखा कि अब भाजपा का कहां गया गाइडलाइन जबकि भाजपा की गाइडलाइन कहती है कि मंडल अध्यक्ष कम से कम 35 से 45 वर्ष तक के अंदर और जिला अध्यक्ष 45 से 60 वर्ष तक के लोगों को पद देने का गाइडलाइन है,
परंतु ऐसा क्या जादू हुआ कि एक 63 वर्ष की महिला जो कि पिछले कई वर्षों से ऊंचे पदों पर विराजमान थी,
और उन्हें भाजपा जिला अध्यक्ष की कुर्सी सौंप दी गई कई वर्षों से प्रबल दावेदार जो कि पूरा वक्त बीजेपी और संगठन का विस्तार और जन सेवा में लगा दिए उनकी जन सेवा और पार्टी सेवा नहीं दिखी और उनके मनोबल को तोड़ते हुए एक 63 साल की महिला को जिला अध्यक्ष बना दिया गया
कौन हैं अमिता चपरा?
अमिता का राजनीतिक सफर जबलपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरू हुआ था। इस दौरान वे विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय और प्रांतीय कार्यकारिणी का हिस्सा रहीं। बाद में, तत्कालीन युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की राष्ट्रीय टीम में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, अमिता ने उमा भारती की टीम में सक्रियता से काम किया। मध्य प्रदेश भाजपा में अमिता चपरा की एंट्री महिला मोर्चा के माध्यम से हुई। वे तत्कालीन महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सुधा मलैया की टीम में प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य रहीं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा की टीम में उन्हें प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी दी गई।