उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा में 8000 मीटर तक के भूखंड का आवंटन नीलामी प्रक्रिया द्वारा कराए जाने की नीति बनाई है। इस नीति को लेकर जिले के उद्यमियों का एक प्रतिनिधि मंडल लख़नऊ पहुंचा और सचिवालय में सचिव MSME प्रांजल यादव से मुलाकात की और उनसे मांग की कि 2000 मीटर तक के भूखंड को नीलामी प्रक्रिया से हटाया जाए। इन भूखंडों का आवंटन नीलामी की बजाए ड्रा किया जाए । इसके साथ ही निवेश पोर्टल प्रक्रिया को और सरल बनाया जाए।
IEA के पूर्व अध्यक्ष पी के तिवारी ने बताया कि 5 साल से ज्यादा समय से किराये पर चल रहे उधोगो को भूखंड आवंटन में वरीयता दिए जाने की मांग रखी। संस्था ने अपने पत्र में निवेश पोर्टल की प्रक्रिया को और भी सरल बनाने की मांग भी की है और केवल एक बार अपने सारे दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करने के बाद सभी संबंधित विभागों से 10 दिन के अंदर सर्टिफिकेट डीम्ड ही जेनरेट हो जाने चाहिए। जिनका वेरिफिकेशन आवश्यकता अनुसार बाद में कराया जा सकता है। इससे उधोग लगाने में समय की बचत होगी और उद्यमी भी परेशानी से बचेंगे। अभी सभी विभागों के लिए वही दस्तावेज अलग अलग अपलोड करने पड़ते है।
इसके साथ ही संस्था ने 1000 मीटर तक के भूखंड में चल रहे उधोगो को विभागों के नियमित इंस्पेक्शन से बाहर रखने की मांग की है। जिसको किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर इंस्पेक्शन किया जा सकता है। प्रतिनिधि मंडल में अध्यक्ष मनोज सिंघल, महासचिव संजीव शर्मा, पूर्व अध्यक्ष पीके तिवारी, प्रमोद झा एवं शिशुपम त्यागी मौजूद रहे।