राग बैरागी : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में पंचायती राज व्यवस्था समाप्त परंतु ग्राम प्रधान की उपयोगिता बरकरार

राजेश बैरागी
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राजेश बैरागी I क्या ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित गांव घंघोला में अभी भी ग्राम प्रधान का पद प्रचलित है?अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) द्वारा जारी की गई एक विज्ञप्ति में भूमि अधिग्रहण से संबंधित एक प्रक्रिया की रिपोर्ट देखने के लिए ग्राम प्रधान से संपर्क करने के लिए कहा गया है।

प्रशासनिक मशीनरी को आम जनता से संवाद करने के लिए जनप्रतिनिधियों की कितनी आवश्यकता होती है, यह विज्ञप्ति इस बात का प्रमाण है। जनपद गौतमबुद्धनगर में कार्यरत तीनों औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के अधिसूचित क्षेत्रों में लगभग दस वर्ष पहले समाप्त कर दी गई पंचायती राज व्यवस्था के अभाव और उपयोगिता का अब कदम कदम पर अनुभव होता है। संविधान के अनुच्छेद 243 क्यू और उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम 1976 में वर्णित प्रावधानों का सहारा लेकर तीनों प्राधिकरणों के अधिसूचित क्षेत्रों में आने वाले गांवों में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था समाप्त की गई थी। किसी व्यवस्था को समाप्त कर देना आसान हो सकता है परंतु उसका विकल्प तलाशना आसान नहीं होता। इसीलिए आज भी जब किसी गांव में कोई समस्या उत्पन्न होती है तो समाप्त हो चुकी पंचायत व्यवस्था के नुमाइंदों को ही याद किया जाता है।

यही कारण है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित गांव घंघोला में भूमि अधिग्रहण से संबंधित सामाजिक समाघात (सोशल इंपैक्ट) की रिपोर्ट को देखने के लिए वहां के ग्राम प्रधान से संपर्क करने के लिए कहा गया है। हालांकि यह रिपोर्ट तहसील मुख्यालय और अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) कार्यालय में भी देखी जा सकती है। परंतु ग्रामीणों के लिए ग्राम प्रधान से अच्छा सूचना केंद्र और कहां हो सकता है। प्रशासन भी इस बात को जानता और मानता है।उल्लेखनीय है कि नये भूमि अधिग्रहण कानून में भूमि अधिग्रहण से पूर्व उसके सामाजिक प्रभाव का अध्ययन कराया जाना अनिवार्य है। जनपद गौतमबुद्धनगर में यह अध्ययन गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है। यह रिपोर्ट घंघोला गांव की एक भूमि के अधिग्रहण से संबंधित है। हालांकि वहां ग्राम प्रधान का पद समाप्त हो चुका है।

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राजेश बैरागी बीते ३५ वर्षो से क्षेत्रीय पत्रकारिता में अपना विशिस्थ स्थान बनाये हुए है l जन समावेश से करियर शुरू करके पंजाब केसरी और हिंदुस्तान तक सेवाए देने के बाद नेक दृष्टि हिंदी साप्ताहिक नौएडा के संपादक और सञ्चालन कर्ता है l वर्तमान में एनसीआर खबर के साथ सलाहकार संपादक के तोर पर जुड़े है l सामायिक विषयों पर उनकी तीखी मगर सधी हुई बेबाक प्रतिक्रिया के लिए आप एनसीआर खबर से जुड़े रहे l