उत्तर प्रदेश की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी द्वारा जिला अध्यक्षों की घोषणा के साथ ही कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों पर ही अपने-अपने पार्टियों के संगठन को मजबूत करने की का दबाव बढ़ गया है जानकारी के अनुसार 28, 29 और 3 अप्रैल को राहुल गांधी देश भर के 900 जिला अध्यक्षों से मुलाकात करने जा रहे हैं ऐसे में उत्तर प्रदेश में भाग पड़ी कार्यकारणी में जिला अध्यक्षों की पुनः नियुक्ति के लिए दांव पेंच आजमाने का खेल शुरू हो गया है ।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार 8 और 9 अप्रैल को होने वाली आईसीसी अधिवेशन में राहुल गांधी इस बार जिला अध्यक्षों के अधिकारों में कई परिवर्तन करने वाले हैं । जानकारी के अनुसार आने वाले चुनाव में प्अरत्बयाशी के लिए जिला अध्यक्षों का फीडबैक प्रदेश के साथ साथ सीधे राष्ट्रीय समिति के पास भी जाया करेगा। ऐसे में जिला अध्यक्षों के चयन को लेकर कांग्रेस में गंभीरता से विचार किया जा रहा है । आपको बता दें कि गौतम बुध नगर से कांग्रेस के तीन नेता पंखुड़ी पाठक दीपक भाटी चोटी वाला और पुरुषोत्तम नगर ही आईसीसी के सदस्य हैं।
ऐसे में उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 जिलों के संयोजक प्रदीप नरवाल फिलहाल इसके लिए अगले तीन से पांच दिनों में जिला अध्यक्षों की पूरी लिस्ट सुनिश्चित करने में लग गए हैं । वहीं गौतम बुध नगर और नोएडा महानगर को लेकर माथापच्ची बढ़ गई है क्योंकि जिले से दावेदारों की कमी को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व परेशान हो रहा है । दरअसल गौतम बुध नगर में दीपक भाटी चोटी वाला जिला अध्यक्ष रहे हैं और उनसे बेहतर फिलहाल जिले में कोई कांग्रेस के दावेदार नहीं दिखाई दे रहे हैं । दीपक भाटी चोटी वाला ने एक बार फिर से जिला अध्यक्ष के लिए अपना दावेदारी प्रस्तुत भी की है उनके साथ ही दिनेश अवाना और राम भरोसे शर्मा ने भी अपने दावेदारी की है । जानकारों का कहना है कि राम भरोसे शर्मा भाजपा के ब्राह्मण जिला अध्यक्ष के जवाब में एक बेहतर जवाब हो सकते थे किंतु बैंक से रिटायर हुए इस कार्यकर्ता की लीडरशिप स्किल दीपक भाटी चोटी वाला के मुकाबला कम पड़ रही है।
जिले से ज्यादा बुरा हाल नोएडा महानगर में दिखाई दे रहा है जहां मुकेश यादव और शहाबुद्दीन के अलावा कोई और दावेदारी नहीं की गई है। नोएडा महानगर कांग्रेस में कहा जा रहा है कि यहां पर दावेदारों की कमी इसलिए भी हो रही है क्योंकि जिले और नोएडा महानगर दोनों ही जगह गुर्जर समुदाय से जिला अध्यक्ष नहीं बनाई जा सकते हैं ऐसे में आगर जिले में गुर्जर समुदाय से दीपक चोटी वाला बनते हैं तो नोएडा महानगर में किसी अन्य जाति से जिला अध्यक्ष बनना पड़ेगा और इसीलिए पुरुषोत्तम नागर, राम कुमार तंवर जैसे नोएडा के कई दावेदारों ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत नहीं की है। वहीं कई पूर्व कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा है कि नोएडा में कांग्रेस को खाना पूर्ति या जातीय संतुलन की जगह की जगह इस बार सक्षम नेताओं को की कमान दी जाए जो नोएडा में जयंती या पुण्यतिथि पर फूल चढ़ाने की जगह भारतीय जनता पार्टी के गलत कार्यों का विरोध खुलकर कर सके संगठन को महानगर के लोगों से जोड़ सके ताकि 27 के चुनाव में समाजवादी की भी टीम बनने की जगह कांग्रेस जीतने की लड़ाई लड़ती दिखाई दे।
कांग्रेस में कई नेताओं का यह भी कहना है कि कांग्रेस का यह बुरा हाल इसलिए भी हुआ है कि बीते कुछ समय में प्रियंका गांधी के समय कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को निकाल दिया, तो कई धीरे-धीरे करके कांग्रेस छोड़कर चले गए इनमें पारूल चौधरी नामक महिला कार्यकर्ता और नोएडा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कृपा राम शर्मा जैसे नाम भी है । चर्चा है कि तब पारूल चौधरी को 6 वर्ष के लिए एक षड्यंत्र के तहत निष्कासित कर दिया गया था और कृपाराम शर्मा उस सब के कारण कांग्रेस को छोड़कर चले गए थे । दावा तो यहां तक किया जाता है कि इस सबके लिए प्रियंका गांधी के खास सलाहकार विदित चौधरी की भूमिका थी जिसका इन नेताओं ने खूब विरोध भी किया था ।
ऐसे में अविनाश पांडे और प्रदीप नरवाल के सामने चुनौती यह भी रहेगी कि क्या वह नए जिला अध्यक्षों के घोषणा से पूर्व ऐसे पुराने कार्यकर्ताओं को वापस कांग्रेस में लाने की भी कोई कोशिश करेंगे या फिर फिर से उसी टीम को कमान दे दी जाएगी जिसको लेकर प्रियंका गांधी की टीम होने की बातें कहकर पहले कार्यकारिणी भंग की गई थी।