नोएडा के सेक्टर 32ए मैं बने डंपिंग ग्राउंड में लगी आग का मामला अभी पूरी तरीके से ठंड भी नहीं हुआ था कि रविवार को सोमवार को छठे दिन फिर से आज सुलगना लगी देर शाम तक बड़े हिस्से में आपका दुआ उठाता रहा और आसपास के क्षेत्र के लोगों को उस परेशानी होने लगी ।
डंपिंग ग्राउंड में बजी आज के फिर से सुलगने के बाद प्राधिकरण और फैब्रिकेटेड किटी में फिर से उसे बुझाने में लग गई प्राधिकरण के सूत्रों की माने तो डंपिंग ग्राउंड में कई फीट गहरे गड्ढे करके औद्योगिक वेस्ट और हॉर्टिकल्चर विभाग के पति और टहनियों को दबाया जाता था जिसके कारण आग बुझाने के बाद फिर से सुलग जा रही है ।
एन.सी.एफ. ने उत्तर प्रदेश सरकार से की जांच की मांग
वही इस पूरे प्रकरण को लेकर नोएडा सिटीजन फोरम ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस पूरे प्रकरण पर नोएडा प्राधिकरण से स्पष्टीकरण ले ठोस नीति बनाने की मांग की है उन्होंने कहा कि नौएडा में डंपिंग ग्राउंड्स/ सार्वजनिक स्थलों पर आग लगने की घटना सालों से घटित हो रही है। कूड़े कचरे के ढेरों से निकलने वाला धुंआ बेहद खतरनाक व विषैला होता है, यह खासकर बुजुर्गों एवं बच्चों के लिए जानलेवा भी हो सकता है।
फोरम के महासचिव प्रशांत त्यागी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष व नौएडा से क्षेत्रीय विधायक पंकज सिंह द्वारा घटना स्थलों का दौरा कर नौएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देशित किया जाता रहा है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए “ठोस नीति” बनाई जाए किंतु सालों से नौएडा प्राधिकरण द्वारा आजतक ना कोई नीति बनाई जा सकी और ना ही लापरवाह अधिकारियों पर आजतक कोई कार्यवाही हो सकी।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नौएडा प्राधिकरण से स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए कि क्षेत्रीय विधायक के बार बार कहने पर भी जनहित में आजतक कोई “ठोस नीति” क्यों नहीं बनाई जा सकी इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए। क्यों नहीं लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही की जाती है, आखिर इन लापरवाह अधिकारियों को किसका संरक्षण प्राप्त है जो यह क्षेत्रीय विधायक की बातों को भी हवा हवाई कर देते हैं, इन बातों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये!