नोएडा सेक्टर 117 में प्रस्तावित कंपोस्ट खाद बनाने की भूमि पर पड़े हुए होर्टीकल्चर वेस्ट पर आग लगने के समाचार से नोएडा में हड़कंप मच गया । प्राधिकरण के मिली जानकारी के अनुसार अभी इस भूमि पर नोएडा के होर्टीकल्चर वेस्ट (कटे हुए पेड़ों और पत्तो) को डालना शुरू नहीं किया गया था। किंतु जो पत्ते पतझड़ के मौसम में यहां गिरे पड़े होंगे या किसी तरीके के अन्य पुराने वेस्ट में कुछ शरारती तत्वों द्वारा आग लगा दी गई । सूचना के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने वहां पहुंचकर आग को बुझा दिया इसके साथ ही हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट द्वारा जेसीबी से उन सभी को नीचे दबा दिया गया है ।
वही प्राधिकरण के ही कुछ अधिकारियों को अंदेशा है कि यह आज उन्हीं बातों को सही साबित करने के लिए लगवाई गई है जिससे यह कहा जा रहा है कि यहां कंपोस्ट प्लांट लगाने से आसपास के लोगों को बेहद परेशानी होगी।
वही सेक्टर 117 में इस कंपोस्ट प्लांट का विरोध कर रहे लोगों के समूह द्वारा आग लगने की घटना को बड़ा चढ़ाकर प्रस्तुत किया जा रहा है । दावा किया जा रहा है कि आग लगने से आसपास की सोसाइटी के लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया है । समाचार लिखे जाने के समय एनसीआर खबर की टीम ने आग लगने वाले क्षेत्र पर जाकर भ्रमण किया किंतु वहां सेक्टर 32 में आग लगने के बाद वाली स्थिति नहीं मिली ।
विरोध करने वाले लोगो का दावा है कि यहाँ विरोध उनकी समस्याएं सुनने के बाद सीईओ और एसीईओ ने अपने अधिनिस्त संबंधित अधिकारियों को होर्टीकल्चर वेस्ट सेक्टर-117 में न डालने के लिए आदेशित किया व उनके द्वारा अवगत कराया गया है कि प्राधिकरण आगे से ऐसी व्यवस्था बनाने जा रहा कि जिस भी सेक्टर का होर्टीकल्चर वेस्ट होगा उसे उसी सेक्टर में निष्पादित किया जायेगा। पर ऐसा नहीं हुआ। आरोप है कि कि उद्यान विभाग के अधिकारियों द्वारा सीईओ और एसीईओ के निर्देशों को भी नजरंदाज कर पिछले 5-7 दिन से सेक्टर-117 में प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित डंपिंग यार्ड में होर्टीकल्चर वेस्ट डाला जा रहा था। जिसका दुष्प्रभाव आज सभी को देखने को मिला है।
यद्यपि आग लगी या फिर लगाई गई इसको लेकर दोनों ही पक्षों के अपने-अपने दावे हैं एनसीआर खबर किसी के भी दावे के सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करता है। किंतु प्रश्न यह है की नोएडा में प्राधिकरण द्वारा तीन स्थानों पर बनाए जाने वाले कंपोस्ट प्लांट का विरोध कर नोएडा के लोग इसे कहां बनवाना चाहते हैं । आखिर शहर से निकलने वाले वेस्ट और होर्टीकल्चर वेस्ट (शहरों में कटाई चढ़ाई के कारण बनने वाले लकडियो के वेस्ट) को नोएडा प्राधिकरण कहां पर प्रक्रिया करें, जिससे शहरीकरण के कारण गोबर से भी बदबू महसूस करने वाले लोगों को अब परेशानी ना हो ।
प्रश्न यह भी है कि बढ़ते शहरीकरण के बाद इस शहर से निकलने वाले हर तरह के वेस्ट को शहर के निवासी कहां ले जाना चाहते हैं या फिर बिना किसी समाधान के ऐसे ही विरोध करके कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने में लग गए है और प्राधिकरण भी अगर यहाँ होर्टीकल्चर वेस्ट से कम्पोस्ट बनाने का प्लांट लगाना भी चाहता है तो इस पर इतनी हीलाहवाली क्यूँ है ? अगर बिना तैयारी के यहाँ होर्टीकल्चर वेस्ट डाला गया है तो उसकी जांच तो होनी ही चाहिए ।