ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक 10 वर्ष के बच्चे की बिल्डर साइट पर दुर्घटना में मृत्यु का दुखद समाचार सामने आया है। घटना ईकोटेक थर्ड थाना क्षेत्र के साइट एपेक्स कोर्ट सोसायटी की है। जानकारी के अनुसार, थाना इकोटेक 3 क्षेत्र में एपेक्स कोर्ट सोसायटी में एक बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा था। सोसायटी में काम करने वाले मजदूर का 10 वर्षीय बेटा आदित्य यहां खेल रहा था। इसी दौरान बच्चे के सिर पर लोहे की रॉड गिर गई। हादसे में लहूलुहान हालत में बच्चे को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इस घटना के विरोध में सोसायटी के कुछ हिस्से में रहने वाले लोगों ने प्रदर्शन किया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने निर्माण कार्य के कॉन्टैक्टर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
ग्रेटर नोएडा में सैकड़ों बिल्डर साइट, निर्माण कार्यों के बीच सुरक्षा पर उठे प्रश्न, मजदूरों के बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा से संबंधित जिम्मेदारियों पर क्षेत्र के समाजसेवी और बिल्डर की मिलीभगत से टूट रहे नियम
ईकोटेक 3 थाना क्षेत्र में बिल्डर साइट पर हुई इस दुर्घटना के बाद एक बार फिर से बिल्डर साइट पर सुरक्षा मानको और बिल्डर द्वारा मजदूरों और उनके बच्चों की सुरक्षा को लेकर होने वाले इंतजामों पर फिर से प्रश्न उठ गए हैं । एनसीआर खबर को मिली जानकारी के अनुसार सरकारी नियम यह कहता है कि अगर बिल्डर साइट पर ऐसे मजदूर कार्य कर रहे हैं जिनके छोटे बच्चे हैं तो उनके लिए सुरक्षा से लेकर क्रैच और शिक्षा तक की व्यवस्था बिल्डर साइट पर ही की जाएगी ।
पूरे ग्रेटर नोएडा में किसी भी बिल्डर साइट पर इन व्यवस्थाओं को लेकर कभी कोई नियम का पालन नहीं किया जाता है बल्कि इस पूरे खेल को क्षेत्र के बिल्डरों ने और कई समाजसेवियों विशेषत: महिला समाजसेवियों ने मिलकर दोनों के फायदे का बिजनेस बना दिया है । पूरे प्रकरण पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन की निष्क्रिय भूमिका भी प्रश्नों के घेरे में नजर आती है, जो भूमि आवंटन के बाद बिल्डर साइट पर हो रहे कार्यों की गुणवत्ता से लेकर नियमों के अनुपालन पर अपनी आंखें बंद कर लेता है।
दावा किया जा रहा है कि बिल्डरों ने बिल्डर साइट पर क्रैच से लेकर बच्चों की स्कूली शिक्षा तक का ठेका कई समाजसेवी संस्थाओं को दे दिया है । बदले में यह समाजसेवी बिल्डर प्रोजेक्ट में उठने वाले विवादों में मध्यस्थता का काम करते हैं । इससे बिल्डर साइट पर काम करने वाले मजदूरों और उनके बच्चों के हक का पैसा समाजसेवी संस्थाओं की जेब में जा रहा है वहीं दूसरी और समाज से भी संस्थाएं इन्हीं बच्चों को पढ़ाने के नाम पर समाज में अपना नाम चमकाने में लग जाते हैं । और बिल्डर को बिल्डर साइट पर कार्यरत मजदूरों के बच्चों की सुरक्षा के दायित्व और उनके चलते उठने प्रश्नों से मुक्ति मिल जाती है।
दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि इस पूरे प्रकरण में स्थानीय नेताओं को भी उसका हिस्सा पहुंचा दिया जाता है । जानकारी के अनुसार क्षेत्र में चल रही 100 से ज्यादा परियोजनाओं में बच्चों की सुरक्षा और उनके शिक्षा को लेकर बिल्डरों द्वारा यही घाल मेल किया जा रहा है । जिसे क्षेत्र की कई समाजसेवी संस्थाओं के जरिए CSR देकर मनीलॉन्ड्रिंग तक की जा रही है।
ऐसे में ईकोटेक 3 में 10 वर्ष के इस बच्चे की मृत्यु के बाद गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट क्या इस पूरे गड़बड़ झाले पर कोई विस्तृत जांच करेगा या फिर यह एक बच्चे की मृत्यु का समाचार बनाकर रह जाएगा ।