संसद के भीतर और बाहर जिस डुप्लीकेट वोटर कार्ड (ईपीआईसी) के नंबरों को लेकर जमकर बवाल हो रहा है। साथ ही राजनीतिक दल इसके जरिये चुनाव आयोग की वैधता पर ही सवाल उठे हैं। ऐसे में जल्द ही मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और केंद्रीय गृह सचिव की बैठक में यह फैसला ले लिया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने निर्वाचन सदन नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ तथा चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बैठक की।
करीब तीन घंटे तक चली बैठक में निर्णय लिया गया कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326 के प्रावधानों के अनुसार ही किया जाएगा। सके लिए आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के पुराने निर्णयों का भी हवाला दिया है। कहा गया कि इस संबंध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और चुनाव आयोग जल्द ही तकनीकी विशेषज्ञों से परामर्श करेगा।मतदाता पहचान पत्र के आधार कार्ड से जुड़ जाने से न सिर्फ फर्जी मतदाताओं की पहचान होगी, बल्कि भविष्य में फर्जी मतदान पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।