जेवर कोतवाली के पूर्व कोतवाल अंजलि कुमार सिंह समेत 12 पुलिस कर्मियों के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर तीन वर्ष पूर्व हुई फर्जी मुठभेड़ के प्रकरण में केस दर्ज हुआ है । जेवर पुलिस ने अब कार्यवाही की है। न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन कोतवाल उप निरीक्षक अंजनी कुमार उप निरीक्षक राकेश बाबू उपनिरीक्षक अनिरुद्ध यादव उप निरीक्षक शरद यादव उप निरीक्षक चंद वीर उप निरीक्षक सनी कुमार उप निरीक्षक नीलकंठ कांस्टेबल रोहित कुमार कांस्टेबल भूरी सिंह कांस्टेबल जयप्रकाश कांस्टेबल मनोज कुमार कांस्टेबल चित्रा सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया
जानकारी के अनुसार मथुरा के रिफायनरी में रहने वाले तरुण गौतम ने आरोप लगाया था कि 4 सितंबर 2022 की रात करीब 8:45 पर उनके घर के आगे दो बिना नंबर की गाड़ियां रुकी इनमें सिविल ड्रेस में 10 से 12 लोग गिरफ्तार थे इन लोगों ने उनके घर में जबरदस्ती घुसकर न सिर्फ अभद्रता की बल्कि तोड़फोड़ भी करी और ₹22000 भी ले लिए । इन लोगों ने तरुण से उनके बेटे सोमेश गौतम के बारे में पूछा जिस पर उन्होंने कहा कि उनका बेटा दिल्ली में कोचिंग कर रहा है उसके बाद वह उन्हें जबरदस्ती गाड़ी में डालकर अज्ञात स्थान पर ले गए जहां उनकी पिटाई की गई अगले दिन उनके बेटे के पास दिल्ली ले जाया गया
तरुण ने यह भी आरोप लगाया कि सोमेश को पड़कर बर्बरता पूर्वक पिटाई की गई और जेवर थाने में झूठा आरोप को बुलवाने के लिए दबाव बनाया गया इसके बाद सोमेश को फर्जी भेद में घायल किया गया सोमेश की आंखों में पट्टी बांधकर गोली मारी गई जो उनके पैर में लगी ।
अपनी शिकायत में तरुण गौतम ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके बेटे पर एक के बाद एक फर्जी मुकदमे लगाएं जिसमें चोरी, आर्म्स एक्ट, हत्या, गैंगस्टर एक्ट शामिल था। तत्कालीन थाना अध्यक्ष अंजलि कुमार ने उन्हें रिहा करने के लिए ₹100000 की रिश्वत मांगी थी जो उन्होंने मजबूरी में अपने भाई के जरिए दी।
तरुण ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस बाइक को सोमेश से बरामद दिखाया गया था बाद में वह एक अन्य आरोपी से बरामद दिखाकर अलग कैसे में इस्तेमाल की गई उन्होंने कई बार पुलिस आयुक्त गौतम बुद्ध नगर को रजिस्टर गार्ड से शिकायत पत्र भेजें किंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई 10 जून 2024 को जब वह दोबारा रिपोर्ट दर्ज करने थाना पहुंचे तो उन्हें भगा दिया गया