यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल के प्रयोग करने वाले लोगों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है । मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने यमुना एक्सप्रेस-वे और इस्टर्न पेरीफेरल को आपस में जोड़ने के लिए इंटरचेंज बनाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन एच ए आई) को सौंप दी है। फिलहाल ग्रेटर नोएडा से होकर गुजर रहे केजीपी का यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए कोई लिंक नहीं है। केजीपी पर आगरा जाने वाले वाहन चालक 15 से 20 किलोमीटर का चक्कर लगाकर आगे जाते हैं। उन्हें परी चौक और कासना के जाम से जूझना पड़ता है। अभी तक सिरसा के पास ईस्टर्न पेरिफेरल का इंटरचेंज है। यह इंटरचेंज बनने से पलवल फरीदाबाद मेरठ हापुड़ मथुरा आगरा और दिल्ली नोएडा व नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आने जाने वाले लाखों लोगों को लाभ होगा। इसके साथ ही यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर 17,18,20 के निवासियों को भी यमुना एक्सप्रेस-वे व इस्टर्न पेरीफेरल तक सीधी पहुंच मिल सकेगी।
प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह के अनुसार यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट से 10 किलोमीटर पर जगनपुर-अफजलपुर में केजीपी को जोड़ा जाएगा। इसके लिए 60 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। इंटरचेंज के निर्माण में बाधा बन रहे किसानों की समस्याओं को दूर किया जा चुका है। इसके निर्माण में करीब 170 करोड़ रुपये खर्च होंगे। निर्माण शुरू करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। दोनों एक्सप्रेसवे के जुड़ने से 20 किलोमीटर का रास्ता कम हो जाएगा। निर्माण पूरा होने के बाद उसके रख-रखाव व वहां टोल प्लाजा का निर्माण, संचालन और नियंत्रण भी उसके ही पास रहेगा। हालांकि जिस भूमि पर इंटरचेंज बनाया जा रहा है, उस पर यीडा का ही स्वामित्व बना रहेगा।
दोनों ही एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इंटरचेज पर आठ लूप बनाए जाने हैं, जो कुल 11 किलोमीटर के होंगे। इनमें चार लूप उतरने और चार लूप चढ़ने के लिए बनाए जाएंगे। इससे एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले लोगों को इंटरचेंज से उतरने-चढ़ने के लिए जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा।