प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेसवे (ग्रीन फील्ड औद्योगिक एक्सप्रेसवे) पर फर्राटा भरने के लिए जनमानस उत्सुक है। प्रयागराज के महाकुंभ तक भले ही एक्सप्रेसवे पूरा नहीं हो सका, लेकिन नवंबर तक हर हाल में तैयार कर लिया जाएगा। मेरठ से बदायूं तक छह जनपदों का 130 किमी लंबा हिस्सा ग्रुप एक में शामिल है।
यहां काम पूरा करने के लिए अक्टूबर की समय सीमा है। यूपीडा का दावा है कि यह हिस्सा लगभग तैयार है। गढ़ में गंगा का पुल तैयार है । मेरठ जनपद के 15 किमी के हिस्से में तो स्ट्रीट लाइटें और रेडियम पेंट की पट्टी बनाई जा रही है। सिंभावली में किसानों के आंदोलन के कारण यहां रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण में विलंब हुआ है। वर्तमान में इसकी एप्रोच रोड को जोड़ने का काम किया जा रहा है।
बदायूं तक सड़क और 322 स्ट्रक्चर तैयार
चार ग्रुपों में विभाजित 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेसवे (ग्रीन फील्ड औद्योगिक एक्सप्रेसवे) का ग्रुप एक मेरठ से बदायूं तक छह जनपदों से गुजर रहा 130 किमी लंबा हिस्सा है। इस भाग में 322 पुल, रेलवे ओवर ब्रिज तथा इंटरचेंज का निर्माण होना था।
गढ़ में पुल तैयार, जनता के लिए अभी बंद
गंगा एक्सप्रेसवे के लिए गढ़ में गंगा नदी पर अलग पुल का निर्माण किया गया है। निर्माण एजेंसी और एक्सप्रेसवे के निरीक्षण पर जाने वाले अधिकारियों के वाहन उसी से गुजरते हैं। आम जनता के लिए इसे अभी नहीं खोला गया है।
मेरठ में वाहनों का इंतजार कर रहा एक्सप्रेसवे
यहां गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई 15 किमी है। जिसमें 37 पुल, आरओबी तथा इंटरचेंज हैं। मेरठ जनपद की सीमा में इन सभी का निर्माण पूरा है। सड़क सौ प्रतिशत तैयार है।
वहीं, अब इस पर रेडियम पेंट की पट्टी बनाई जा रही है। स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम भी तेजी से चल रहा है। यह कार्य भी अब अंतिम चरण में है।
इंटरचेंज व टोल प्लाजा तैयार
गंगा एक्सप्रेसवे बिजौली गांव से शुरू हो रहा है। यह स्थान मेरठ से हापुड़- बुलंदशहर को जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर किमी 16 पर है। यहां इंटरचेंज का निर्माण किया गया है। इसी के पास टोल प्लाजा बनाया गया है। फिनिशिंग जारी है।
120 मीटर चौड़ा है गंगा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे से मेरठ से प्रयागराज की यात्रा मात्र छह घंटे में पूरी होगी। यही कारण है कि इस पर वाहनों का खासा दबाव रहेगा। यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने गंगा एक्सप्रेसवे को आठ लेन प्रस्तावित किया है। पूरे कारिडोर में 120 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण किया गया है। फिलहाल एक्सप्रेसवे छह लेन का बनाया जा रहा है लेकिन दो लेन की जमीन को दोनों सड़कों के बीच डिवाइडर के साथ छोड़ी गई है। भविष्य में जब कभी भी एक्सप्रेस-वे को चौड़ा करने की जरूरत महसूस होगी, तुरंत दो लेन का निर्माण कर लिया जाएगा।
मंडलायुक्त हृषिकेश भास्कर यशोद का कहना है कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण मेरठ जनपद में पूरा कर लिया गया है। मंडल की सीमा में भी कार्य काफी कम बचा है। सिंभावली में रेलवे ओवर ब्रिज की एप्रोच रोड को जोड़ा जा रहा है। अक्टूबर तक ग्रुप एक के हिस्से को शुरू करने का लक्ष्य है।