देशभर के वक्फ बोर्डों में जवाबदेही व पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पास किया गया, इस बिल पर पर 11 घंटे चर्चा चली। विधेयक के पक्ष में 288 विपक्ष में 232 वोट पड़े I

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, मैं सभी नेताओं का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने विधेयक पर अपनी राय रखी। कुछ नेता कह रहे हैं कि यह विधेयक असांविधानिक है, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे ऐसा कैसे कह सकते हैं? अगर यह असांविधानिक होता, तो अदालत इसे रद्द कर देती। असांविधानिक जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह विधेयक संविधान के खिलाफ नहीं है, जैसाकि विपक्ष दावा कर रहा है। हमें सांविधानिक और असांविधानिक शब्दों का शब्दों को हल्के में उपयोग नहीं करना चाहिए।
इसके बाद उन्होंने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा, असदुद्दीन ओवैसी ने कई मुद्दे उठाए और आरोप लगाया कि मुसलमानों और मुसलमानों के बच्चों के लिए वक्फ में प्रावधान किया जा रहा है, लेकिन हिंदुओं के लिए क्यों नहीं? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हिंदुओं के लिए पहले से ही प्रावधान मौजूद है, इसके लिए कोई नया कानून बनाने की जरूरत नहीं है।
वक्फ संशोधन बिल 2025 पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखते हुए लोकसभा सांसद और वक्फ बिल पर जेपीसी के चेयरमैन रहे जगदम्बिका पाल का कहना है कि उन्हें जेपीसी का प्रमुख बनाए जाने पर खुशी हुई और उन्होंने पार्टी को धन्यवाद दिया। जगदंबिका पाल ने कहा- सच्चर कमेटी इन्होंने बनाई है, सच्चर कमेटी की सिफारिशों की चिंता नहीं हुई। हम सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू कर रहे हैं। इस दौरान जगदम्बिका पाल ने एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी पर वक्फ संशोधन बिल को फाड़ने के लिए उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ओवैसी ने बिल को असंवैधानिक कहा, लेकिन बिल को फाड़ना असंवैधानिक कार्य है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार ने जेपीसी द्वारा दिए गए सभी सुझावों को मान लिया है।
वक्फ बिल के विरोध में बोलते हुए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक पंक्ति के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि ये विधेयक भारत के मुसलमानों के इबादत पर हमला है। केंद्र सरकार ने मुसलमानों के खिलाफ एक जंग छेड़ दिया है। और ये जंग मेरे ऊपर है। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये अनुच्छेद 25, 26 का उल्लंघन है। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बिल मुस्लिमों के साथ अन्याय है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इसका मकसद मुसलमानों को जलील करना है। इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं गांधी की तरह वक्फ बिल को फाड़ता हूं।
वक्फ संशोधन विधेयक पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने और उनके निजी कानूनों और संपत्ति के अधिकारों को हड़पने के उद्देश्य से बनाया गया एक हथियार है। आरएसएस, भाजपा और उनके सहयोगियों द्वारा संविधान पर यह हमला आज मुसलमानों पर लक्षित है, लेकिन भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने के लिए एक मिसाल कायम करता है। कांग्रेस पार्टी इस कानून का कड़ा विरोध करती है क्योंकि यह भारत के मूल विचार पर हमला करता है और अनुच्छेद 25, धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
जदयू के पंथनिरपेक्ष पार्टी होने का हवाला देते हुए विधेयक के समर्थन पर संशय खड़ा करने वालों को करारा जवाब देते हुए ललन सिंह ने कहा कि जदयू को किसी से पंथनिरपेक्षता का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की पंथनिरपेक्षता समाज को बांटकर वोटबैंक की राजनीति करने की है, वहीं नीतीश कुमार समाज में सबको लेकर काम करते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जाति जनगणना की बात करने वाले लोग मुस्लिम समाज में पसमंदा की स्थिति पर चुप्पी साध लेते हैं।
ललन सिंह ने कहा कि आने वाले समय में पसमंदा समाज के मुसलमान प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े होंगे, क्योंकि इस विधेयक के बाद वक्फ की संपत्तियों का इस्तेमाल उनके लिए हो सकेगा। ललन सिंह ने कलेक्टर की भूमिका पर विपक्ष के तर्कों का खारिज करते हुए कहा कि जिला कलेक्टर राजस्व के दस्तावेजों का संरक्षक होता और किसी भी जमीन के मालिकाना हक के निर्धारण में उसकी अहम भूमिका होती है। वहीं शिवसेना के श्रीकांत शिंदे ने शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के विधेयक के विरोध को शर्मनाक बताया।