तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है । आदम गोंडवी ये कविता भले ही राजनेताओं के लिए लिखी हो किंतु अक्षय तृतीया के बहाने बाजार को बड़ा चढ़कर 5000 करोड़ तक के कारोबार के दावा करने वालों का सच भी इसी कविता से दिखाई दे रहा है।
दिल्ली के प्रमुख अखबार में नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन और उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों के हवाले से शहर में अक्षय तृतीया पर 5000 करोड़ के कारोबार का दावा किया है । किंतु इस दावे की सच्चाई एक बुलबुल की तरह हैं और यह भी दावा करता है कि बीते वर्ष यह कारोबार 3500 करोड रुपए का था जिसमें 1700 करोड रुपए के मात्र स्वर्ण आभूषण बाइक थे जबकि इस बार बिक्री में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है हालांकि अखबार यह बताने से चूक गया की सोने के रेट में 27% की वृद्धि हुई है ।
नोएडा के 200 बाजारों में 10000 से अधिक दुकानदार है प्रत्येक बाजार में अनुभव अधिक रिकार्ड कारोबार हुआ है
सुशील कुमार जैन महासचिव, नोएडा ज्वेलर्स एसोसिएशन
कारोबार का अनुमानित आंकड़ा करीब 5000 करोड़ है प्रत्येक बाजार में करीब 25 करोड़ के कारोबार का होना तय माना गया है
नरेश कुछल, चेयरमैन उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल
ऐसे में अनुमानों पर आधारित इन बाजारों की सच्चाई क्या वाकई इतनी ही है या फिर हर दिवाली या अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों पर बाजार के कुछ बड़े व्यापारियों द्वारा मीडिया में से बढ़ा चढ़ा कर बताया जाता है ।
रोचक तथ्य यह है कि अक्षय तृतीया पर हुए कारोबार को लेकर उत्तर प्रदेश के दो बड़े अखबारों के आंकड़ों में पांच गुना का अंतर है ।जहां एक अखबार 750 करोड़ का कारोबार बता रहा है वहीं दूसरा अखबार 5000 करोड़ के कारोबार का दावा कर रहा है ।
अक्षय तृतीया पर एनसीआर खबर ने कई ज्वेलर्स से लेकर कार और बाइक डिलीवरी करने वाले शोरूम पर नजर डाली तो उनके आंकड़ों से प्रतीत हुआ कि यह आंकड़े प्रतिदिन के आंकड़ों से कुछ ही ज्यादा है ऐसे में त्योहार विशेष पर कोई खास वृद्धि हुई इसके कोई आंकड़े मौजूद नहीं है । वही रियल स्टेट मे बीते 10 वर्षों के लगातार धोखे से पिस रहे होम बायर्स ने किस आधार पर कल के दिन फ्लैट खरीदने और बुकिंग करने की जल्दबाजी की होगी । इसका भी कोई आंकड़ा निश्चित नहीं है एनसीआर खबर को सूत्रों ने बताया कि मुश्किल से पूरे शहर में मात्र 20 फ्लैट की बुकिंग हुई है यह बुकिंग भी बिल्डर समूह से जुड़े लोगों ने की है इनमें असली बायर गायब है ।
बृहस्पतिवार को अक्षय तृतीया पर बिक्री के आंकड़ों पर बातचीत करते हुए नोएडा के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने एनसीआर खबर को बताया दरअसल यह आपके बड़े मीडिया और बड़े उद्योग संगठनों के घाल मेल और भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण है । ऐसे ही आंकड़ों से हर वर्ष उपभोक्ताओं को बाजारों तक आने के लिए प्रेरित किया जाता है उपभोक्ता नहीं भी आए तब भी उन्हें लगातार यह बताया जाता है कि वह इस बार इतने हजार करोड़ के व्यापार का हिस्सा बनने से चूक गए । इसके लिए बाकायदा त्योहार से पहले इन सभी ट्रेड के बड़े दुकानदारों द्वारा अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन दिए जाते हैं । और उसके बदले में अखबार त्यौहार के अगले दिन ऐसे ही फर्जी आंकड़े छाप कर लोगों को बताते हैं कि त्यौहार में इतना कारोबार हुआ ।
सामाजिक कार्यकर्ता ने पूंजीपतियों के साथ मिलकर इस तरीके के धोखे पर चिंता करते हुए मीडिया से सही जानकारियां लोगों तक पहुंचाने का अनुरोध भी किया गया । यद्यपि इस में एक समस्या यह है किसी भी बाजार की बिक्री के आंकड़े संभावित या प्रायोजित हो सकते हैं किंतु असली आंकड़े देश के राजस्व विभाग से मिल सकते हैं और राजस्व विभाग अक्सर ऐसे अफसर पर आंकड़े जारी करने से बचता है ।
ऐसे में एक बार फिर से अंत में यही प्रश्न है कि क्या वाकई अक्षय तृतीया पर कुछ विशेष कारोबार हुआ है या फिर मंदी के दौर पर बैठे बाजार झूठ आंकड़ों के साथ खुद को बचाने की मुहिम में लगे हैं । एनसीआर अपने पथ को से बीएफएल करता है कि वह अपने और अपने आसपास के लोगों द्वारा अक्षत सत्य पर की गई खरीदारी से संबंधित कोई तथ्य हो तो हमें जरूर भेजें एनसीआर खबर आने वाले दिनों में बाजार के छठ का पर्दाफाश खुल के करेगा