सोमवार रात को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के यथार्थ अस्पताल (Yatharth Hospital) में आधे घंटे तक लिफ्ट में 16 लोगों के फंसे रहने के वीडियो के वायरल होने के बाद एक बार फिर से अस्पताल प्रबंधन और लिफ्ट में लोगों की सुरक्षा को लेकर प्रश्न खड़े हो गए हैं। लिफ्ट में बुजुर्ग,महिला, बच्चे भी शामिल थे। लिफ्ट में ही फंसे हुए एक युवक ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया तक जाकर लिफ्ट से लोगो को निकला गया । लोगो का आरोप है कि ज़िन्दगी को बचाने वाली जगह पर ही आधे घंटे तक 16 लोगों की साँसे अटकी रही ओर अस्पताल ने कोई एक्शन नहीं लिया ।
हॉस्पिटल की लिफ्ट आधे घंटे तक रही फंसी , 16 लोगों को नहीं मिल सकी मदद, लिफ्ट एक्ट में क्या होगी कार्यवाही
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के यथार्थ हॉस्पिटल में लिफ्ट एक्ट लागू होने के बाद भी अस्पताल में लिफ्ट के मेंटेनेंस को लेकर बड़ी लापरवाही माना जा रहा है । घटना के सामने आते ही इस बात की भी चर्चा शुरू हुई की लिफ्ट एक्ट के बावजूद इस तरीके की घटनाओं पर जिला प्रशासन किया एक्शन लेगा । क्या निजी और बड़े अस्पतालों के सामने एक बार फिर से प्रशासन घुटने टेक देगा।
दरअसल ग्रेटर नोएडा वेस्ट ही नहीं नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सभी अस्पतालों में लिफ्ट को लेकर शिकायतें आना आम बात है । अक्सर जिला प्रशासन और पुलिस इन अस्पतालों में नियमित टेस्टिंग की बातें तो करते हैं किंतु उन पर नियमित जांच हो नहीं पाती है ऐसे में जब भी इस तरीके की कोई हाथ से का वीडियो बाहर आता है तब ही इन पर चर्चाएं शुरू हो पाती है ।
पूरे प्रकरण पर यथार्थ अस्पताल के आलोक त्यागी ने एनसीआर खबर को बताया कि लगभग एक हफ्ते पहले ही लिफ्ट की सर्विस कराई गई थी । सामान्यतः बिजली के फ्लकचुएशन के कारण लिफ्ट अगर बंद होती है तो वह अपने पास के तल पर आकर खुल जाती है किंतु कल के प्रकरण में लिफ्ट की पुली अटक गई जिसके कारण उसे मैन्युअल खींचकर ऊपर लाया गया जिसके कारण इतनी देर लगी । अस्पताल में जॉनसन कंपनी की लिफ्ट लगी है । कंपनी को लिफ्ट में आई खराबी के लिए सूचित किया गया है और लिफ्ट में के फसाने के कारण की जांच की जा रही है ।