उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर प्रशासन के दमन के आरोप लगते रहते है । इसी कड़ी में पीलीभीत ज़िले में एक पत्रकार और उसकी पत्नी के जरिए ज़हरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की कोशिश का मामला सामने आया है. इस घटना ने प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा दिया है। दंपत्ति को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
पीलीभीत के बरखेड़ा कस्बे के निवासी इसरार अहमद पेशे से पत्रकार हैं। हाल ही में ठेकेदार मोइन की शिकायत पर बरखेड़ा थाना पुलिस ने इसरार के खिलाफ रंगदारी मांगने का मामला दर्ज किया था। पुलिस लगातार इसरार की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही थी। इसी चीज से इसरार परेशान चल रहे थे. उनका कहना था कि उन्हें झूठे केस में फंसाया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने नगर पंचायत द्वारा कराए जा रहे घटिया निर्माण कार्यों के खिलाफ आवाज़ उठाई थी। जिसकी वजह से नगर पंचायत अध्यक्ष श्याम बिहारी भोजवाल और एसडीएम बीसलपुर नागेंद्र पांडे की मिलीभगत से उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया।
मुकदमा दर्ज होने के बाद इसरार और उनकी पत्नी मिराज फरार थे। गुरुवार को दोनों ने मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की कोशिश की जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से हालत बिगड़ने पर उन्हें जहानाबाद थाना क्षेत्र से जिला अस्पताल रेफर किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी हालत गंभीर है ।
आत्महत्या से पहले पत्रकार दंपत्ति ने लाइव वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया। लाइव वीडियो में इसरार अहमद ने सीधे तौर पर एसडीएम नागेंद्र पांडे और नगर पंचायत अध्यक्ष श्याम बिहारी भोजवाल को अपनी हालत के लिए ज़िम्मेदार ठहराया उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों अधिकारियों ने ठेकेदार के साथ मिलकर उन्हें झूठे केस में फंसाया है।