उत्तर प्रदेश सरकार की स्थानांतरण एक्सप्रेस का आरंभ हो गया है। ग्रेटर नोएडा, यमुना और उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण के तीन प्रबंधको का स्थानांतरण बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण में किया गया है । औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने आदेश जारी करते हुए इन तीनों का स्थानांतरण किया है । इनमें यमुना प्राधिकरण के प्रबंधक सुरेंद्र सिंह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रबंधक (सिविल) रितिक और यूपीसीडा के वरिष्ठ प्रबंधक मनीष लाल का नाम शामिल है।
जानकारी के अनुसार बीडा में लगभग 1021 पदों पर तैनाती होनी है । इसके साथ ही 30 जून तक सभी स्थानांतरण भी होने हैं । ऐसे में प्रत्येक वर्ष की भांति प्राधिकरण में हड़कंप मच गया है । स्थानांतरण होने से आशंकित अधिकारी इन दिनों औद्योगिक विकास मंत्री नंदी समेत अपने-अपने भगवानों के चरणों में शरणागत दिखाई दे रहे हैं और नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना और यूपीसीडा से बीडा ना जाने की गुहार लगाते देखे जा रहे हैं ।
वही मुख्यमंत्री और औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी के समक्ष यह प्रश्न भी खड़ा हो रहा है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना और यूपीसीडा जैसे स्थापित प्राधिकरणों में पहले ही आवश्यकता के विरुद्ध मात्र 30% तक ही अधिकारी हैं। बीते 7 वर्षों में सरकार ने इन अधिकारियों की संख्या को बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया है ऐसे में बीडा के 1021 नए पदों के लिए इन्हीं प्राधिकरणों से अधिकारियों को भेजने से पहले क्या औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी को नए पदों पर नियुक्ति नहीं करनी चाहिए। आखिर उत्तर प्रदेश सरकार प्लेसमेंट और संविदा पर रखे कर्मचारियों के बलबूते प्राधिकरणों के कार्य में सुधार की अपेक्षा कैसे कर सकता है और कैसे इन प्राधिकरण के भ्रष्टाचार की शिकायतों पर लगाम लगा सकता है ।
नोएडा विधायक पंकज सिंह की पहल पर लाई गयी पालिसी बनी प्राधिकरणों के लिए मुसीबत, इलाज की जगह बढ़ा मर्ज
दरअसल भारतीय जनता पार्टी की सरकार में नोएडा विधायक पंकज सिंह की पहल पर प्राधिकरण के अधिकारियों के स्थानांतरण पॉलिसी को मास्टरस्ट्रोक बता कर लाया गया था, वो अब स्वयं बीमार हो गयी है I जिसके बाद लगातार इस पॉलिसी को अधिकारियों की प्रताड़ना के अलावा कुछ नहीं माना जा रहा है। बीते कुछ वर्षों में तीनों ही प्राधिकरणों से जाने वालों की संख्या ज्यादा है किंतु प्राधिकरण में अधिकारियों की कमी पर औद्योगिक विकास मंत्री और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कुछ भी करने में नाकाम रही है ।