बरसों पहले बॉलीवुड की एक फिल्म में गजल सम्राट गुलाम अली ने गजल गई थी “चमकते चांद को टूटा हुआ तारा बना डाला, मेरी आवारगी में मुझको आवारा बना डाला” ठीक उसी तर्ज पर बेव्यू भूटानी फिल्म सिटी प्राइवेट लिमिटेड (Bayview Bhutani Filmcity) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट को कॉमेडी फिल्म की तरह बना दिया है जिसमें आखिरी मौके पर दूल्हा दुल्हन गायब है । शादी के दिन को लेकर सब में उत्सुकता है मगर फिल्म के विकासकर्ता कंपनी बेव्यू भूटानी फिल्म सिटी प्राइवेट लिमिटेड के दो अहम किरदार बोनी कपूर और भूटानी बिल्डर एक मत नहीं हो पा रहे है ।
26 जून को शाम 5:00 बजे फिल्म सिटी के शिलान्यास के दावे करने वाले बेव्यू के राजीव अरोड़ा के दावों को आज यमुना प्राधिकरण में यह कहकर समाप्त कर दिया कि प्राधिकरण को 26 जून को फिल्म सिटी के शिलान्यास से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई है ना ही उनको अभी तक इस बाबत किसी प्रकार का आमंत्रण भेजा गया है जबकि हैरानी यह है कि फिल्म सिटी के शिलान्यास के आमंत्रण को लेकर मीडिया में डिजिटल कार्ड तक बांट दिए गए है ।


वहीं लखनऊ सूत्रों के अनुसार 26 जून को शाम 7:00 बजे बोनी कपूर की मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से होनी तय है। ऐसे में शाम 5:00 बजे किस तरीके से गौतम बुध नगर में बोनी कपूर इसका शिलान्यास कर देंगे, इस पर तमाम प्रश्न खड़े हो गए उससे भी बड़ी बात यह है कि जब यमुना प्राधिकरण के सूत्र यह बता रहे हैं कि उन तक इस बारे में कोई सूचना नहीं है तो पीपीपी मॉडल पर बना रहे इस प्रोजेक्ट में जमीन देने वाले यमुना प्राधिकरण को बिना विश्वास में लिए बोनी कपूर और भूटानी ग्रुप किस तरीके से मीडिया में शिलान्यास को लेकर दावे कर रहा है इस पर भी प्रश्न खड़े हो रहे हैं ।
पूरे प्रकरण पर अंदरखाने की चर्चा ये है की भूटानी बिल्डर बोनी कपूर से फिल्म के फिल्म सिटी के कमर्शियल पार्ट के एग्रीमेंट को लेकर लगातार दबाव बनाने में लगे हैं । वही बोनी कपूर यमुना प्राधिकरण के साथ अपने किए एग्रीमेंट के अनुसार पहले फिल्म सिटी और फिल्म इंस्टीट्यूट को पूरा करना चाहते हैं ऐसे में दोनों भागीदारों के बीच समन्वय नहीं बन पा रहा है जिसके चलते अब यह प्रोजेक्ट फंस चुका है । वहीं एक अन्य चर्चा की माने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के बाबजूद लखनऊ में जल्द रिटायर होने वाले कुछ अधिकारियो और भाजपा के नेताओ के साथ मिलकर ये भी प्रयास किया जा रहा है कि जैसे तैसे शिलान्यास कर दिया जाए बाद में इस प्रोजेक्ट की शर्तो में बदलाव कर इसे भी सपोर्टसिटी की तर्ज पर निबटा लिया जाए I
ऐसे में लोग यह कहने लगे हैं कि कहीं फिल्म सिटी को बनाने की जल्दबाजी में उत्तर प्रदेश सरकार ने गलत लोगों को इसका कॉन्ट्रैक्ट तो नहीं दे दिया है । बीते 1 साल से लगातार फिल्म सिटी को लेकर बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं किंतु पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है मीडिया में जब-जब फिल्म सिटी को लेकर विवाद की खबरें आती हैं, बेव्यू भूटानी फिल्म सिटी प्राइवेट लिमिटेड के पीआर के लोग नए शिगूफे पर ले आते हैं किंतु बाद में फिर से वह फिल्मी डायलॉग सामने आता है तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख….. बस कुछ नहीं आता है तो वह है फिल्म सिटी का शिलान्यास ।