आम्रपाली की परियोजना में रिसीवर ऑफिस के द्वारा कैंसल किए गए फ्लैट , स्टाफ के दुर्व्यवहार,मनमानी व तानाशाही, से परेशान पीड़ित घर खरीदारों ने अपने परिवार के बुज़ुर्ग सदस्यों, महिलाओं एवं बच्चों के साथ मिलकर कोर्ट रिसीवर ऑफिस के बाहर शान्तिपूर्ण प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन करने वाले लोगों ने यह भी बताया कि हमलोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका को भी दायर किया हुआ है, जिसपर कोर्ट रिसीवर ने मामले को जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया था। परंतु समय बीतता जा रहा है और हर बार रिसीवर ऑफिस विजिट करने पर झूठा आश्वासन और अगली बार आने को बोला जाता है जिसके कारण आज हमें प्रदर्शन करने की जरूरत पड़ी।
आम्रपाली घर खरीददार दीपांकर कुमार ने प्रदर्शन कर रहे लोगों का समर्थन करते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आम्रपाली परियोजना की मॉनिटरिंग होने के बाद भी मनमाने तरीके से लोगों के घरों को कैंसल कर दिया गया है। कैंसिल किए गए लोगों में काफी संख्या में वैसे भी काफी लोग हैं जिनके पूरे पैसे जमा है, अथवा 80% या 90% तक पैसे जमा हैं। आखिर इतने लंबे इंतजार के बाद जब घर मिलने का समय आया तब उनको पता चल रहा है कि उनके यूनिट को कैंसल कर दिया गया और काफ़ी मामलों में तो फ्लैटों को भी बेच दिया गया है जो कि सरासर अन्याय है।
कोर्ट रिसीवर ऑफिस हमारे धर्य की परीक्षा न ले, अन्यथा अगली बार उग्र प्रदर्शन होगा तथा उसके बाद आम्रपाली की सभी परियोजनाओं के पीड़ित घर खरीदारों के साथ हम लोग जंतर-मंतर पर जा कर प्रदर्शन करेंगे।
अभिषेक कुमार अध्यक्ष नेफोवा
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि हम सभी पीड़ित घर खरीदारों की मांग है कि हमारे साथ अमानवीय व्यवहार बंद किया जाए एवं हमारे फ्लैटों को जल्द से जल्द रिवाइव किया जाए। इसके अलावा हमारी यह भी माँग है कि कोर्ट रिसीवर ऑफिस के स्टाफ अपने व्यवहार में सुधार लाएं और छोटे-छोटे कामों के लिए भी लोगों को बार-बार बुलाना बंद करें, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के नाम पर यह लोग सिर्फ और सिर्फ घर खरीदार को परेशान करते हैं।