राजनीति के गलियारों में इस सप्ताह नेतागिरी के विभिन्न रूपों को लेकर है । हालात ये हैं कि गौतम बुध नगर जिले में हर व्यक्ति मौका देखते ही नेतागिरी करने लग जाता है, ऐसा ही मामला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में लीजबैक की जमीनों को लेकर होने वाली एक बैठक के दौरान हुआ । बताया जा रहा है कि इस लीजबैक की समस्याओं को सुलझाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने किसानों को उनकी समस्या सुनने के लिए बुलाया था। किसानों के साथ बातचीत का क्रम शुरू ही हुआ था कि कि तभी किसानों की भीड़ में आए एक युवा वकील ने नेता बनते हुए मुद्दों की जगह प्राधिकरण के सीईओ को लेकर अनाप-शनाप बोलने की कोशिश की । वकील साहब की इस नेतागिरी के पहले चरण ने ही एसीईओ को क्रोधित कर दिया और वो बैठक को वही खत्म करके अपने रूम में चले आए। अधिकारी ने किसानों को स्पष्ट कहा कि प्राधिकरण को किसानो की समस्याएं सुनने में कोई हर्ज नहीं है किंतु किसानी की आड़ में कोई यहां आकर नेतागिरी के बहाने उनके सीईओ का अपमान करेगा तो वह ऐसी मीटिंग में नहीं बैठेंगे। बैठक खत्म हो गई और बेचारे वकील साहब छब्बे जी बनने चले थे दुबे जी बनाकर वापस लौट गए । बाद में एक किसान ने कहा आज की घटना अप्रत्याशित थी, हमने इन अधिकारी महोदय को हमेशा सौम्य और किसानों का सहयोग ही करते देखा । इस लड़के तो किसी ने बुलाया भी नहीं था, नया लड़का किसानों के दो-चार मुकदमे में कमाने के चक्कर में जल्दबाजी कर गया और अपने साथ-साथ किसानों का नुकसान कर गया अब अगली बैठक के लिए दोबारा आना पड़ेगा ।
राजनीति के गलियारों का दूसरा किस्सा एक बार फिर से किसानों की नेतागिरी और इसके खेल का है बताया जा रहा है कि इन दिनों ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में 20 जून से 20 जुलाई तक अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया हुआ है, ऐसे में विभिन्न जगह अतिक्रमणों को हटाया जा रहा है । बताया जा रहा है कि इन कई अवैध कालोनियों को भाजपा के एक स्थानीय जनप्रतिनिधि के आशीर्वाद से काटा जा रहा था । अपने आशीर्वाद को विफल होते देख नेता जी ने शनिवार को किसान नेताओं को आगे कर प्राधिकरण की टीम ऊपर हमला करवा दिया । अब जनप्रतिनिधि तो सुरक्षित हैं मगर प्राधिकरण और स्थानीय किसान नेता आमने-सामने हैं । जहां एक और प्राधिकरण पुलिस में एफआईआर लिखवा रहा है वहीं दूसरी ओर नेताजी प्राधिकरण के एक वरिष्ठ प्रबंधक को सस्पेंड करने की मांग कर अपने आका के संरक्षण में पल रहे भूमाफियाओं को यह बताना चाह रहे हैं कि हमें डरने की आवश्यकता नहीं है । ऐसे में समस्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने आने वाली है कि वह प्राधिकरणों से अतिक्रमण को हटाने के लिए मुहिम को जारी रखने के लिए कहे या नेताओ की बात मानने को कहे ।
वही राजनीति के गलियारों से तीसरा किस्सा ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सोसाइटी में पैदा होते नेताओं और उनकी नेतागिरी का है । मामला ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक सोसाइटी में टावर की लाइट जाने के बाद शिकायत करने गए लोगों की मेंटेनेंस के कर्मचारियों द्वारा जमकर पिटाई करने का है । बताया जा रहा है कि इस मेंटेनेंस एजेंसी को सोसाइटी के ही दो ग्रुपों में से एक नेता के सहयोग से लगवाया गया है जिसको करंट क्षेत्र के एक जनप्रतिनिधि से मिल रहा है। चर्चा तो ये भी है इस एजेंसी में उनका हिस्सा भी है और उन्ही के कुछ लोग इसमें प्रबंधन को सँभालते भी हैं । ऐसे में सोसाइटियों में समस्या को लेकर दूसरे गुट के लोग जब भी ख़राब मेंटेनेंस पर प्रश्न उठते हैं तो नेताजी की इशारे पर मेंटेनेंस वाले आम जनता को कूट देते हैं मामला पुलिस तक पहुंचता है तो नेता जी के दबाव में सब छूट जाते हैं ।
पर इस बार मामला बड़ा हो गया घटना के वीडियो टीवी चैनलों तक वायरल हुये तो पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध नामजद कार्यवाही की है । मामला अभी न्याय होने तक पहुंचा ही था कि पहले गुट ने बड़ी कोशिश करके लाइट काटने से क्रोधित निवासियों द्वारा मेंटेनेंस के एक कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार का वीडियो भी सोशल मीडिया ग्रुपों में डाल दिया है ताकि मुकदमा दूसरी तरफ भी लिखवाया जाए और बाद में समझौता होकर मामले को खत्म किया जाए । इससे जहाँ एक और आम लोगो की शिकायत करने की हिम्मत ही टूट जायेगी वहीं मेंटेनेंस एजेंसी और नेताओं के इस गठजोड़ का खेल बेखोफ चलेगा ।