आशु भटनागर । 2020 में कोरोना महामारी के दौरान मुंबई से उत्तर प्रदेश लौटने वाले तमाम लोगों की भीड़ के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में ही प्रदेश की सबसे बड़ी फिल्म सिटी बनाने का जो सपना देखा था वह 5 साल बाद भी पूरा तो छोड़िए शुरू होने की स्थिति में नहीं आ पा रहा है । 1000 एकड़ में बनने वाली फिल्म सिटी के लिए पहले हॉलीवुड के स्टूडियो से बातचीत की गई किंतु बाद में बोनी कपूर की बेव्यू (Bayview) और भूटानी(Bhutani) के ज्वाइंट वेंचर बेव्यू भूटानी फिल्मसिटी प्राइवेट लिमिटेड (Bayview Bhutani film city pvt ltd) को 231 एकड़ जमीन को देखकर इसका आरंभ करने की योजना बनाई गई । बाकी 770 एकड़ के लिए कहा जाता है कि डिज्नी और नेटफ्लिक्स जैसे स्टूडियो से बातचीत की जा रही है ।
27 जून 2024 को बेव्यू भूटानी फिल्मसिटी प्राइवेट लिमिटेड के साथ एग्रीमेंट किया गया, एग्रीमेंट के अनुसार 231 एकड़ में बेव्यू भूटानी फिल्मसिटी प्राइवेट लिमिटेड को तीन चरणों में 8 साल में फिल्म सिटी का विकास करना था । जिसमें प्रथम चरण में 155 एकड़ में फिल्म इंस्टीट्यूट और फिल्म फैसेलिटीज को विकसित करने का प्रावधान था। किंतु 1 वर्ष बीतने को है बेव्यू भूटानी फिल्मसिटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अभी तक लेआउट प्लान को अप्रूव करने की औपचारिकताएं तक पूरी नहीं की गई हैं ।
एनसीआर खबर ने पहले ही आपको बताया था कि शिलान्यास को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक आने की बातें भले ही मीडिया में भूटानी ग्रुप की पीआर एजेंसी द्वारा चलाई जा रही हो, किंतु सच्चाई यह है कि बिना लेआउट प्लान अप्रूव हुए शिलान्यास और कार्य आरंभ नहीं हो सकता है। इन भ्रामक खबरों पर एनसीआर खबर के खुलासो के बाद बोनी कपूर लेआउट प्लान को लेकर यमुना प्राधिकरण के ऑफिस पहुंचे और दावा किया कि प्लान के पास होते ही शिलान्यास की तैयारी शुरू कर दी जाएंगी और जून अंत तक फिल्मसिटी का कार्य आरम्भ हो जाएगा

किंतु दो दिन बाद ही यमुना प्राधिकरण ने लेआउट प्लान को लैंडयूज प्लान के अनुरूप न बताते हुए उस प्लान को रिजेक्ट कर दिया । प्राधिकरण ने अपने पत्र में लिखा कि भूटानी ने लेआउट प्लान में लैंडयूज प्लान के विरुद्ध जाकर ग्रीन एरिया को बदल दिया इसके साथ ही बार बार कहने के बाबजूद प्रथम चरण में कमर्शियल एक्टिविटीज के को भी दिखाया गया I प्राधिकरण ने तीनो चरणों के लेआउट प्लान पर भी आपत्ति जताई और कहा कि प्रथम चरण के लिए सिर्फ प्रथम चरण का लेआउट प्लान ही पास किया जाएगा, ताकि इसको लेकर कोई भ्रम ना हो। इसके बाद यह माना जा रहा था कि अगले एक सप्ताह में बेव्यू भूटानी फिल्मसिटी प्राइवेट लिमिटेड अपडेटेड प्लान सौंप देंगा। किंतु इस सप्ताह भी लेआउट प्लान को यमुना प्राधिकरण में न दिए जाने से अब यह आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं कि कहीं फिल्म सिटी के विकासकर्ता कम्पनी यमुना प्राधिकरण के वर्तमान सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह के कार्यकाल की समाप्ति की राह तो नहीं देख रहे हैं ।
प्राधिकरण के सूत्रों की माने तो डॉक्टर अरुणवीर सिंह का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि यमुना से लेकर लखनऊ तक के कई अधिकारियों और फिल्म सिटी को विकसित करने वाले विकासकर्ता लगातार प्रयास में लगे हैं कि अगर उनका विस्तार इस बार नहीं हुआ तो फिर वह फिल्म सिटी को मन माफिक तरीके से विकसित कर लेंगे । चर्चा है कि संभवत: इसीलिए इस पूरी प्रक्रिया को धीमे किया जा रहा है ।
प्राधिकरण के सूत्रों ने आशंका व्यक्त की है कि अगर पहले चरण के लेआउट प्लान में ही बोनी कपूर के बेव्यू और भूटानी इतने सारे बदलाव कर दे रहे हैं तो बाद में यह प्रोजेक्ट भी कहीं नोएडा के चर्चित स्पोर्ट्स सिटी घोटाले (Sports City Scam) की तरह बन कर ना रह जाए। कदाचित स्पोर्ट्स सिटी घोटाला नोएडा के दामन पर ऐसा दाग है जिसमें नोएडा के अधिकारियों और बिल्डरों ने मिलकर स्पोर्ट्स सिटी की सुविधाए विकसित करने की जगह उसके कमर्शियल पार्ट को ही लगातार अप्रूव और बेचना शुरू कर दिया था और अब चर्चा है कि वही प्रेक्टिस कमोवेश फिल्म सिटी के मामले में भी दिखाई दे रही है।
इस पूरे प्रकरण में यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह लगातार फिल्म सिटी के प्रथम चरण में फिल्म फैसिलिटी और फिल्म इंस्टीट्यूट को विकसित करने का जोर दे रहे हैं जबकि सूत्रों का दावा है की भूटानी इस प्रयास में है कि कमर्शियल एक्टिविटीज को पहले सामने ले आया जाए।
भूटानी के निदेशकों में एक अलीराम चेटली ने एनसीआर खबर से इन सभी अफवाहों का खंडन किया और दावा किया कि यह प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर है और इसको प्राधिकरण के नियमों के अनुसार ही विकसित किया जाएगा।
किंतु लगातार 30 जून के करीब आने और बेव्यू भूटानी फिल्मसिटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लेआउट सबमिट न किए जाने के साथ-साथ तमाम मीडिया में फिल्म सिटी के आरंभ होने की भ्रामक खबरों के बीच यह प्रश्न अब उठने लगा है कि क्या वाकई बोनी कपूर और भूटानी ग्रुप डॉक्टर अरुण वीर सिंह के कार्यकाल की समाप्ति का इंतजार कर रहे हैं और क्या वह मान रहे हैं कि उनके बाद उनके लिए फिल्म सिटी को अपने हिसाब से विकसित करने में कोई समस्या नहीं आएगी और क्या वाकई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उत्तरप्रदेश में विश्वस्तरीय फिल्मसिटी का सपना बस सपना बन कर ही रह जाएगा, ये आने वाला समय ही बतायेगा