संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आज रात 12.30 बजे आपात मीटिंग होगी। इस बैठक की मांग ईरान, रूस और चीन सहित कई देशों ने की है। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच, रूस, चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम का मसौदा प्रस्ताव पेश किया है। यह प्रस्ताव क्षेत्र में शांति स्थापित करने और सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के उद्देश्य से लाया गया है। प्रस्ताव में सभी पक्षों से अपील की गई है कि वे तुरंत युद्ध बंद करें और विवादों का समाधान बातचीत के माध्यम से करें, इस बीच अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले ने हालात को और भी तनावपूर्ण बना दिया है।
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक बयान में कहा, “हम इस संकट के समय में चीन से अपील करते हैं कि वह ईरान को समझाए कि वह होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद न करे। यह जलमार्ग वैश्विक तेल आपूर्ति के लिए नितांत आवश्यक है। अगर ईरान इसे बंद करता है, तो इससे वैश्विक व्यापार और ऊर्जा संकट उत्पन्न होगा।” होर्मुज जलडमरूमध्य वह स्थान है जहां से दुनिया का लगभग 30% तेल गुजरता है। अमेरिका का यह बयान ऐसे समय में आया है जब क्षेत्र में टकराव का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
इस बीच, रूस ने अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन बताया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा, “किसी भी तर्क के आधार पर एक संप्रभु देश की जमीन पर मिसाइल और बमबारी करना पूरी तरह अस्वीकार्य है। यह एक स्थायी सदस्य द्वारा किया गया हमला है, जो इस परिषद के नियमों का उल्लंघन करता है।”
वहीं, इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के साथ-साथ अमेरिका के हमलों ने ईरान को होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी देने के लिए उकसाया है। इस स्थिति ने वैश्विक ऊर्जा संकट की संभावना को और बढ़ा दिया है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह जलमार्ग बंद होता है, तो तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं।
इस प्रस्ताव के माध्यम से, रूस, चीन और पाकिस्तान ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस संघर्ष को सुलझाने के लिए संयम की अपील कर रहे हैं। भारतीय राजनीति के विश्लेषक डॉ. आर्यन चोपड़ा ने कहा, “यह समय है कि सभी पक्ष शांतिपूर्ण समाधान की ओर बढ़ें। युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।”
यह प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देता है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को विचार करने का मौका प्रदान किया गया है। अगर यह मसौदा पारित होता है, तो यह पश्चिम एशिया में शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
अंततः, इस जटिल स्थिति में सभी देशों को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास करना होगा और अपने सशस्त्र टकराव को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। युद्धविराम का यह प्रस्ताव उस समय आया है जब दुनिया को एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य की आवश्यकता है, और सभी की भूमिका इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है।