अतुल श्रीवास्तव । दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा का कार्यकाल केवल एक हफ्ते का रह गया है, जिससे स्थानीय निवासियों और पुलिस महकमे के भीतर नई नियुक्ति को लेकर अटकलों का दौर तेज हो गया है। क्या दिल्ली में फिर से किसी बाहरी काडर के आईपीएस को कमिश्नर बनाया जाएगा, या इस बार गृह मंत्रालय यूटी काडर के आईपीएस को यह जिम्मेदारी सौंपेगा? यह एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब इस समय सभी की जुबान पर है।
पिछले दो कार्यकालों में देखा गया है कि गैर-यूटी के आईपीएस अधिकारियों को दिल्ली का पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। ऐसे में, पुलिस विभाग में इस बार भी बाहरी काडर के आईपीएस की नियुक्ति की चर्चा हो रही है। कुछ अधिकारी संकेत दे रहे हैं कि बाहरी काडर के आईपीएस को तीसरी बार ऊपर लाना एक वास्तविकता बन सकता है, जबकि अन्य इस बात की संभावना पर जोर दे रहे हैं कि गृह मंत्रालय यूटी काडर के एक वरिष्ठ अधिकारी को आगे बढ़ाने पर विचार कर सकता है।
गृह मंत्रालय के पिछले निर्णयों पर नज़र डालें तो, 1985 बैच के आईपीएस एसएन श्रीवास्तव को दिल्ली दंगे के दौरान पुलिस आयुक्त बनाया गया था। उनके बाद गुजरात काडर के आईपीएस राकेश अस्थाना ने यह पद संभाला था। अस्थाना को पहले सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक के पद पर तैनात होने के बाद, उनके सेवानिवृत्त होने से दो दिन पहले दिल्ली पुलिस का आयुक्त नियुक्त किया गया था।
दिल्ली पुलिस में बदलाव का एक प्रमुख पहलू सेवा विस्तार का होता है। संजय अरोड़ा को हाल ही में इस पद पर तीन साल हो गए हैं, और इस उपलक्ष्य में उन्हें भी तीन या छह महीने का सेवा विस्तार दिए जाने की चर्चा चल रही है। अगर उन्हें सेवा विस्तार नहीं मिलता, तो गृह मंत्रालय को फिर से किसी बाहरी काडर या यूटी काडर के आईपीएस को कमिश्नर बनाने की दिशा में सोचना होगा।
यूटी काडर में, पुलिस कमिश्नर के पद के लिए चार वरिष्ठ अधिकारियों के नाम सामने आए हैं:
- एसबीके सिंह (1988 बैच): वर्तमान में होमगार्ड के डीजी हैं, लेकिन उनका कार्यकाल केवल छह महीने शेष है।
- संदीप गोयल (1989 बैच): लंबे समय से निलंबित चल रहे हैं, जिसके कारण उनकी संभावना कम लगती है।
- नुजहत हसन (1991 बैच): उनका कार्यकाल एक महीना बचा है।
- सतीश गोलचा और वीरेंद्र सिंह चहल (1992 बैच): सतीश गोलचा वर्तमान में तिहाड़ के डीजी के तौर पर काम कर रहे हैं और उन्हें बेहतर अधिकारियों में गिना जाता है। वीरेंद्र सिंह चहल का कार्यकाल भी एक साल बचा है।
- प्रवीर रंजन (1993 बैच): वर्तमान में सीआईएसएफ में तैनात हैं और उन्हें भी कुशल अधिकारी माना जाता है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त का यह स्थान न केवल पुलिस विभाग के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आम जनता के लिए भी यह देखना आवश्यक है कि कौन अधिकारी इस महत्वपूर्ण भूमिका को संभालता है। जब तक नई नियुक्ति नहीं होती, तब तक संजय अरोड़ा इस पद पर बने जाएंगे, और उनके सेवा विस्तार की संभावनाएं भी बनी हुई हैं। स्थानीय निवासी इस नियुक्ति के परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो पुलिस विभाग में नई दिशा और नेतृत्व का संकेत दे सकते हैं।