मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर विचार किया गया, जिनका सीधा प्रभाव स्थानीय निवासियों पर पड़ सकता है। इस बैठक में सौर पंपों पर सब्सिडी बढ़ाने सहित कई फैसलों को मंजूरी मिलने की उम्मीद थी। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में एक बड़े फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की तैयारी चल रही है, और प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) के तहत विकास कार्यों की जिम्मेदारी में भी बदलाव किया गया है।
मुख्यमंत्रत्री आवास पर शाम चार बजे हुई कैबिनेट की बैठक में, उद्योग समेत विभिन्न विभागों से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इनमें विशेष रूप से सौर पंपों पर सब्सिडी बढ़ाने का प्रस्ताव शामिल है, जिसका उद्देश्य किसानों और आम नागरिकों को नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह कदम ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हो सकता है।
दूसरी ओर, राज्य सरकार 10 अगस्त से प्रदेश के 27 जिलों में एक व्यापक फाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान के तहत, संबंधित जिलों के निवासियों को दवाएं खिलाई जाएंगी। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) और विभिन्न इंटर कॉलेजों के शिक्षकों ने इस अभियान में अपना पूर्ण सहयोग देने का संकल्प लिया है। राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ. एके चौधरी ने बताया कि जागरूकता ही इस अभियान की कुंजी है। स्कूलों में प्रार्थना सभाओं के दौरान छात्रों को फाइलेरिया और एमडीएम (मिड-डे मील) अभियान के संबंध में जानकारी दी जाएगी।
स्थानीय विकास को गति देने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) के तहत होने वाले कार्यों के लिए कार्यदायी संस्था में बदलाव किया गया है। अब यूपी सिडको के स्थान पर ग्राम पंचायतों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह निर्णय उन गांवों के लिए किया गया है जहां इस योजना के तहत काम अभी शेष हैं, और पिछली संस्था द्वारा अपेक्षित प्रगति नहीं दिखाई गई थी। पीएम-अजय योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति बहुल गांवों में विभिन्न विकास कार्य कराना है, और ग्राम पंचायतों की भागीदारी से इन कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है।