नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (NMRC) के कार्यकारी निदेशक महेंद्र प्रसाद ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि केंद्र सरकार ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण स्टेशन से बोड़ाकी तक मेट्रो के एक्वा लाइन रूट को स्वीकृति दे दी है। इस नए मेट्रो रूट की लंबाई 2.60 किलोमीटर होगी और इसमें दो प्रमुख स्टेशन होंगे: जूनपत विलेज मेट्रो स्टेशन और बोड़ाकी मेट्रो स्टेशन। इस परियोजना का प्राथमिक लक्ष्य ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में आवागमन को सुविधाजनक बनाना और लोगों की दैनिक यात्रा को सरल करना है। राज्य सरकार पहले ही उत्तर प्रदेश कैबिनेट से इस रूट को मंजूरी दे चुकी है, और अब केंद्र की स्वीकृति मिलने के बाद इस परियोजना की गति तेज होने की उम्मीद है।
महेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस रूट के विकास पर 416.36 करोड़ रुपये का कुल खर्च आएगा, जिसमें से असली लागत 363 करोड़ रुपये है और शेष राशि टैक्स के रूप में शामिल की गई है। परियोजना के लिए भारत सरकार द्वारा 20% की वित्त पोषण की जाएगी, जो लगभग 70.59 करोड़ रुपये होगी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 24% की वित्त पोषण की जाएगी, जो लगभग 91.08 करोड़ रुपये होगी। बाकी 211.80 करोड़ की 60% राशि उत्तर प्रदेश सरकार एनसीआरपीबी से लोन के माध्यम से जुटाएगी। इसमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पीपीपी कंपोंनेंट और भूमि उपलब्ध कराएगा जो लगभग 10.44 करोड़ की होगीIइस नए मार्ग को कार्य आरम्भ होने के 3 वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है, इसके आरम्भ होने पर 2031 तक 60000 अनुमानित राइडर्स हो सकते है I

विशेष रूप से, यह मेट्रो रूट बोड़ाकी में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के विकास के साथ जुड़ा हुआ है, जिससे क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ने की संभावना है। प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों के बीच इस रूट के महत्व के बारे में बात करते हुए महेंद्र प्रसाद ने कहा, “यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए परिवहन के नए अवसर खोलेगा, बल्कि क्षेत्र में वाणिज्यिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।”
बाकी दो लाइनों की अनुमति का इंतजार जारी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में महेंद्र प्रसाद ने इस बात की भी पुष्टि की कि बाकी दो मेट्रो लाइनों पर अनुमति मिलने की संभावना तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने इन दो लाइनों के लिए कुछ सवाल उठाए थे, जिनका जवाब दे दिया गया है। “अगले छह महीनों में हमें इन रूटों पर भी अनुमति मिलने की उम्मीद है,”
सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-V मेट्रो परियोजना
इस परियोजना की संशोधित डीपीआर को 29 नवंबर 2024 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मंजूरी मिली। इसके बाद, इसे भारत सरकार को भेजा गया, जहां 28 मई 2025 को एनएमआरसी द्वारा नेटवर्क योजना समूह की 94वीं बैठक में प्रस्तुत किया गया।
उम्मीद जताई जा रही है कि परियोजना का मूल्यांकन करने के लिए पीआईबी की बैठक जल्द ही आयोजित की जाएगी। एक बार परियोजना की सिफारिश होने के बाद, कार्यान्वयन की प्रक्रिया को गति मिलेगी, जिससे यात्रियों को बेहतर परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन मेट्रो परियोजना
दूसरी ओर, सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन तक की मेट्रो परियोजना की डीपीआर को 28 जून 2024 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया। इसे 2 जुलाई 2024 को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया। एनएमआरसी द्वारा इसे 27 मार्च 2025 को नेटवर्क योजना समूह की 90वीं बैठक में प्रस्तुत किया गया था।
क्या है ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब?
मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब का निर्माण ग्रेटर नोएडा में जल्द ही शुरू होने जा रहा है। इस हब का उद्देश्य दिल्ली के आनंद विहार से भी बेहतर और सुविधाजनक परिवहन विकल्प प्रदान करना है। प्रस्तावित हब में रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन और बस अड्डे को संजाने के लिए एक स्काईवॉक का निर्माण किया जाएगा, जिससे यात्रियों को एक ही स्थान पर सभी परिवहन सेवाएं उपलब्ध होंगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एवं भारत सरकार की सहयोग से, बोड़ाकी के आसपास सात गांवों में 478 हेक्टेयर क्षेत्र में इस मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक हब का निर्माण किया जाएगा।
इस परियोजना को भारत सरकार से मंजूरी भी मिल चुकी है, और वर्तमान में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले पांच वर्षों में यह हब परिचालन हेतु तैयार हो जाएगा। इससे पूर्वोत्तर की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनों का संचालन यहीं से होगा।
अभी तक, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के यात्रियों को यात्रा के लिए दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार रेलवे स्टेशन की ओर जाना पड़ता था। लेकिन इस मल्टीमॉडल हब के चालू होने से, यात्रियों को लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता नहीं होगी।
इसी के साथ, उइसी डिपो स्टेशन से मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक लगभग तीन किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन बिछाने की अनुमति भी मिल चुकी है। इस नई मेट्रो सेवा का शामिल होना यात्री अनुभव को और बेहतर बनाएगा, जिससे यात्रा का वक्त कम होने के साथ ही सुविधा में भी वृद्धि होगी।