नोएडा में स्थित सेक्टर-89 में अवैध कूड़ा डंपिंग का बड़ा मामला सामने आया है। दिल्ली के कूड़ा निस्तारण का काम करने वाले ठेकेदार द्वारा कूड़े को ट्रकों में छिपाकर नोएडा लाने की शिकायत के बाद नोएडा अथॉरिटी की टीम ने मंगलवार को सात डंपरों को पकड़ लिया। इस कार्रवाई के बाद नोएडा फेस-2 पुलिस थाना ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, दिल्ली में कूड़ा निस्तारण कर रहे ठेकेदार ने स्थानीय भूमि पर किराए पर ली गई ज़मीन पर 20,000 मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा अवैध रूप से डाला। हालांकि स्थानीय निकायों द्वारा कूड़ा निस्तारण के लिए 800 से 1000 रुपये प्रति मीट्रिक टन के खर्च का भुगतान किया जाता है, लेकिन यह मामला स्थानीय निवासियों के लिए बेहद चिंताजनक है। इसका मुख्य कारण यह है कि ठेकेदार ने बिना उचित निस्तारण के ही कूड़ा यहां डंप किया है, जिससे न केवल स्थानीय पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है, बल्कि कूड़ा निस्तारण में हुई धनराशि के गबन की आशंका भी उत्पन्न हो गई है।
नोएडा अथॉरिटी की जन स्वास्थ्य विभाग के महाप्रबंधक एसपी सिंह का कहना है कि उनकी टीम को मौके पर ‘अवैध डंपिंग ग्राउंड’ मिला है। उन्होंने बताया कि हर रोज़ करीब 100 हाइवा ट्रकों के जरिए दिल्ली से कूड़ा लाया जा रहा था, जो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट 2016 और एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करता है।
गौरतलब है कि जब नोएडा अथॉरिटी की टीम ने औचक निरीक्षण किया, तो स्थानीय किसान की एक ज़मीन पर यह कूड़ा डाला जा रहा था। डंपरों की गिरफ्तारी के समय कुछ स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि यह पूरी तरह से एक फर्जीवाड़ा था, जिसे अथॉरिटी की निगरानी ने उजागर किया।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अपनी जांच को तेज कर दिया है। स्थानीय निवासी कूड़ा डंपिंग के इस अनुचित तरीके से बेहद चिंतित हैं और उन्हें उम्मीद है कि इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही क्षेत्र में स्वास्थ्य और स्वच्छता को बनाए रखने के लिए स्थानीय निकायों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने जागरूकता बढ़ाने के कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है। निवासियों का कहना है कि यह उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा है और अवैध कूड़ा डंपिंग की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए।
हालांकि, इस मामले में आगे की कार्रवाई अभी बाकी है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने का आश्वासन दिया है। स्थानीय निवासियों को अब उम्मीद है कि उनके सामुदायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्रभावित करने वाली इस समस्या का समाधान जल्द ही होगा।