उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरों में अक्सर कम समय पर पूर्ण न होने की चर्चाएं होती रहती हैं अक्सर ये देखा गया है कि एजेंसियां बड़े प्रोजेक्ट तो उठा लेती हैं किंतु उन्हें समय पर पूरा नहीं कर पाती है । नोएडा में गोल्फ कोर्स के निर्माण में एजेंसी के ब्लैक लिस्ट किए जाने की घटना इन दिनों बेहद चर्चा में है ।
ऐसी ही घटनाओं को रोकने के ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि एनजी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में होने वाले नए प्रोजेक्ट निर्माण में एजेंसी के चयन को लेकर नियम सख्त करते जा रहे हैं । इनमें सड़क, अंडरपास, उद्यान बनाने से लेकर फुटओवर ब्रिज तक के टेंडर शामिल हैं ।
एनसीआर खबर को मिली जानकारी के अनुसार प्राधिकरण के नियमों के सख्त करने से कई ठेकेदार और एजेंसियों में खलबली मच गई है कई ऐसे ठेकेदार अब परेशान घूम रहे हैं जिनका बीता रिकॉर्ड खराब है या फिर कोई अनुभव नहीं है।
इन सबके चलते प्राधिकरण ने बीते दिनों ग्रेटर नोएडा में बनने वाले 3 नए फुट ओवर ब्रिज के लिए जारी टेंडर में नियमों को और अधिक सख्त कर दिया है जिसमें एजेंसी के पास पूर्व निर्माण और बेहतर परफार्मेंस अनुभव होने के साथ-साथ डिपॉजिट की जाने वाली राशि जैसी शर्तों पर सख्त होना है ।
जानकारी के अनुसार प्राधिकरण के साथ नियमों के सख्त होने राजनैतिक संरक्षण पाकर सिंडिकेट बनाकर घूम रहे कई कथित ठेकेदार इन दिनों परेशान घूम रहे हैं और प्राधिकरण में नियमों को लिबरल करने के लिए लाबिंग कर रहे हैं । इसमें एक जनप्रतिनिधि के नगर प्रतिनिधि की भी भूमिका बताई जा रही है। किन्तु प्राधिकरण टच से मस होने को तैयार नहीं है ।
दरअसल नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सत्ता या राजनीतिक हस्तक्षेप से ठेके ले लेने की परंपरा कोई नई नहीं है इसी के चलते अक्सर नोएडा ग्रेटर नोएडा में कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो पाए थे। बीते 2 साल में रवि एनजी के कार्यकाल में इन सभी परिपाटियों को न सिर्फ बदला गया बल्कि नियमों के सख्ती से पालन करने के चलते परफॉर्मेंस में भी सुधार हुआ है। अकेले ग्रेटर नोएडा में ही सड़क सीवर, पुल और फूट ओवर ब्रिज के निर्माण अब समय से पूरे हो रहे हैं इसी के चलते नए टेंडर्स में नियमों को और भी सख्त किया जा रहा है ।
आपको बता दें कि 6 जुलाई को रवि एनजी के कार्यकाल के 2 साल पूर्ण हुए हैं और इन दो सालों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने न सिर्फ अपने ऊपर से ₹5000 करोड़ का कर्ज चुकाया है बल्कि 7.5 हजार करोड़ की बैंक एफडी बनाकर अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है । कई नई परियोजनाओं को अब शुरू करने की तैयारी की जा रही है । जिसका असर आने वाले कुछ समय में ग्रेटर नोएडा में दिखाई देगा।