शारदा विश्वविद्यालय में छात्रा ज्योति की आत्महत्या: सिर्फ दोषियों का सस्पेंशन नहीं विश्वविद्यालय प्रबन्धन की जांच आवश्यक

आशु भटनागर
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आशु भटनागर। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के नालेजपार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय की बीडीएस की छात्रा ज्योति ने आत्महत्या कर ली है, जिसकी घटना ने पूरे विश्वविद्यालय में तीव्र आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना के सिर्फ एक सप्ताह पहले, ज्योति ने अपने पिता को फोन पर रो-रोकर अपनी परेशानियों के बारे में बताया था, जिसमें वह भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना का शिकार होने की बात कर रही थी।

ज्योति के पिता, रमेश, ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को उसके प्रोफेसरों द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा, जिसके चलते उसे आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा। घटना के बाद, रमेश ने शारदा विवि के सभी आरोपित प्रोफेसरों से हाथ जोड़कर माफी मांगी थी, हालांकि उसके बाद भी ज्योति के साथ प्रताड़ना का सिलसिला जारी रहा।

सूत्रों के अनुसार, ज्योति ने अपनी असाइनमेंट समय पर नहीं जमा की, जिसके कारण कई बार प्रोफेसरों के सामने उसे शर्मसार होना पड़ा था। छात्रा ने दो असाइनमेंट पर जाली हस्ताक्षर कर जमा किए थे, जो बाद में प्रोफेसरों द्वारा पकड़ लिए गए। इसके बाद के तनाव से ज्योति इतनी परेशान हो गई कि उसने अपने पिता को फोन किया और अपने हालात के बारे में बताया।

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के नालेज पार्क में तमाम शैक्षणिक संस्थान और विश्वविद्यालय स्थित है । क्या इन सभी पर यहाँ के प्राधिकरण जिला प्रशसन या किसी अन्य गार्निंग बाड़ी का कोई दखल है तो इसका उत्तर है नहीं । इन संस्थाओं के हॉस्टल छात्र, छात्राओ के शोषण का अड्डा बन चुके है। असल में स्थानीय भाजपा नेताओ के संरक्षण में इन संस्थानों में छात्रों की कोई सुनवाई होती ही नहीं है ।
बताया जाता है कि भाजपा और संघ के कई नेताओ के इन संस्थानों के मालिकों के साथ गहरे राजनैतिक सम्बन्ध है और वही इनको संरक्षण देते है और बदले में इन्ही संस्थानों में भाजपा नेताओ के राजनैतिक कार्यक्रम होते है । बीते कुछ वर्षो में भाजपा की सदस्यता के समय कुछ संस्थानों में सामूहिक रूप से छात्रों को सदस्य बनाए जाने के प्रकरण भी सामने आये थे।

शिक्षा जगत में इस मामले ने गहरा असर डाला है और छात्रों ने कड़ा विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने छात्रों की शिकायत का उचित समाधान नहीं किया और इस घटना के बाद संबंधित फैकल्टी के सदस्य गायब हो गए। हास्टल में रह रहे छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन के दौरान प्रबंधन ने दमनकारी कदम उठाते हुए गेट बंद कर दिए, जिससे छात्र बाहर नहीं निकल सके।

ज्योति का यह कदम न केवल उसके परिवार के लिए, बल्कि समस्त छात्र समुदाय के लिए भी गहरा आघात है। एक छात्रा ने बताया कि ज्योति की मानसिक स्थिति पिछले कुछ समय से नाजुक थी, और उसे सहपाठियों और प्रोफेसरों द्वारा अक्सर मानसिक प्रताड़ना सहन करनी पड़ रही थी। कई छात्रों ने आरोप लगाया कि फैकल्टी के सदस्य उनके फोन का जवाब देने में असमर्थ रहे।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने घटना के बाद दोषी प्रोफेसरों को बर्खास्त करते हुए खुद को चुप रखा है। चर्चा हैं कि मीडिया में उनके पक्ष के लिए पी आर एजेंसी एक्टिव हो गई है और घटना को मैनेज करने के लिए डील हो रही है। पर क्या मीडिया मैनेजमेंट से भविष्य में ऐसी  घटनाएं नहीं होंगी इसका उत्तर संभवतः किसी के पास नहीं है।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने 14 घंटे तक धरना दिया और आरोपित प्रोफेसरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। छात्रों का कहना है कि ज्योति की आत्महत्या को रोकने के लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए थे। इसी बीच, घटना की सूचना मिलते ही छात्राएं हॉस्टल की 12वीं मंजिल पर दौड़कर गईं, लेकिन उनकी पल्स चेक करने की अनुमति विश्वविद्यालय प्रबंधन ने नहीं दी।

अब प्रश्न यह उठता है कि क्या विश्वविद्यालय प्रशासन इस गंभीर मामले पर उचित ढंग से कार्रवाई करेगा? क्या भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे? स्थानीय निवासी, न्यायप्रिय लोग और अभिभावक सभी इस मामले में गहन जांच की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।

इस प्रकार, ज्योति की आत्महत्या ने एक बार फिर भारतीय शिक्षा प्रणाली में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन को अब इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए और सभी संबंधित पक्षों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

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आशु भटनागर बीते 15 वर्षो से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(रु999) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे