मंगलवार एक जुलाई से शुरू होने वाली 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर तेल नहीं डालने की व्यवस्था के बाद दिल्ली के लगभग सभी पेट्रोल पंपों पर समयावधि पूरी कर चुके वाहनों को परिवहन विभाग की टीमें जब्त कर रही हैं। इस दौरान कई वाहन मालिकों को गिड़गिड़ाते रहने के साथ ही वाहन को छोड़ने के लिए जुर्माना भरना पड़ रहा है। इस पर लगभग सभी पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे और स्पीकर सिस्टम लगाया गया है। लेकिन इन सिस्टमों का काम नहीं कर रहा है। दिल्ली परिवहन विभाग की टीम को वाहनों की फिटनेस चेक करने के लिए मशीन में नंबर डालने के बाद जांच कर रही है। दो बाइकों को जब्त कर लिया गया है।
इस व्यवस्था के कारण दिल्ली के बाहर से आयी गाड़ियां भी पकड़ रही हैं। उत्तर प्रदेश नंबर की बाइक 15 साल पुरानी होने पर आश्रम चौक पेट्रोल पंप पर जब्त की गई। राजस्थान नंबर की एक बाइक मां आनंदमयी मार्ग स्थित पंप पर समयावधि पूरी होने के कारण जब्त कर ली गई। उसके बाद उसे बताया गया वह शपथ पत्र देकर और जुर्माना भरकर एक बार अपना वाहन छुड़वा सकता है। उसके बाद उसे बाइक को दिल्ली से बाहर लेकर जाना होगा। दोबारा दिल्ली में पकड़े जाने पर बाइक को स्क्रैप कर दिया जाएगा। वाहन स्क्रैप होने की स्थिति में मालिक को उसके पैसे कब तक मिलेंगे। इसकी जानकारी एनफोर्समेंट टीमों को भी नहीं थी। बाइक का पांच हजार रुपये और कार का दस हजार रुपये का चालान किया जा रहा है।
इस संबंध में परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उम्र पूरी कर चुके वाहन को यदि को पहली बार जब्त किया गया है तो उसे छुड़ाया जा सकता है। लेकिन उसके लिए वाहन मालिक को जुर्माना भरने के साथ ही विभाग को शपथ पत्र देना होगा। वहीं अगर वाहन दूसरी बार पकड़ा गया तो उसे स्क्रैप कर दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि ऐसे वाहन जो पहली बार जब्त किए गए हैं उन्हें 21 दिन के भीतर वाहन मालिक निर्धारित नियमों को पूरा कर वापस ले सकते हैं। इसमें पहली बार पकड़े गए बादक को छुड़ाने के लिए 5000 रुपये और कार को छुड़ाने के लिए 10000 रुपये का जुर्माना देना होगा। वहीं यदि दूसरे राज्यों में पंजीकृत वाहन जिसकी उम्र पूरी हो चुकी है तो उसको जब्त कर लिया जाएगा। 10 हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा। साथ ही, वाहन को लाने का कारण बताना होगा।
इस व्यवस्था के कारण पेट्रोल पंप पर लगे एएनपीआर कैमरे और स्पीकर सिस्टम का काम नहीं कर रहा है। लेकिन इसकी जानकारी कम से कम लोगों को नहीं थी। अधिकारियों को मांग कर इस समय के लिए इन सिस्टमों का काम करवाने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान कई लोगों को गिड़गिड़ाते रहने के साथ ही वाहन को छोड़ने के लिए जुर्माना भरना पड़ रहा है। परिवहन विभाग को इस समय की स्थिति में कई बार कम से कम एक दिन की में इस व्यवस्था को फिर से निर्णय लेने की सम्भावना है। लेकिन इस समय की स्थिति में इस व्यवस्था को बदलने की कोशिश करने की क्षमता नहीं है।