प्रदेश सरकार ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को एक साल का सेवा विस्तार देने के लिए केंद्र सरकार को औपचारिक पत्र भेजा है। मनोज कुमार सिंह, जो इसी माह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, पर सरकार का यह प्रस्ताव उनके पिछले कार्यकाल में किए गए सकारात्मक प्रयासों के चलते आया है। इस पत्र में सिंह द्वारा प्रदेश में औद्योगिक वातावरण निर्माण और अर्थव्यवस्था को 10 खरब डॉलर तक ले जाने की दिशा में उनके योगदान का जिक्र किया गया है।
मनोज कुमार सिंह, जो 1988 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं, पिछले वर्ष 30 जून को मुख्य सचिव के रूप में दुर्गा शंकर मिश्र की जगह पदभार संभाल चुके हैं। इससे पहले, वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों जैसे नगर विकास, पंचायती राज, ग्राम विकास और कृषि उत्पादन आयुक्त के महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। मुख्यमंत्री के करीबी अधिकारी माने जाने वाले सिंह का कार्यकाल कई ऐसे महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए जाना जाता है, जो प्रदेश के विकास में सहायक रहे हैं।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव के सेवा विस्तार के प्रस्ताव में वैश्विक निवेश सम्मेलन और भूमि पूजन समारोह जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का भी उल्लेख किया गया है। चूंकि मनोज कुमार सिंह के पास अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) का प्रभार है, इसलिए प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने वाली तारीखों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश सरकार से पूर्व में किए गए अनुरोधों के आधार पर ही यह सेवा विस्तार मांगा गया है। उदाहरण के लिए, वर्ष 2019 में अनूप चंद्र पांडेय को भी छह महीने का सेवा विस्तार दिया गया था, जब उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों के तहत विशेष विकास योजनाओं को लागू किया था। इसलिए, प्रदेश सरकार ने आशा जताई है कि मनोज कुमार सिंह को भी समान आधार पर सेवा विस्तार मिलेगा।
यदि सरकार ने इस विस्तार को मंजूरी दे दी, तो इससे प्रदेश में रोजगार के नए अवसर सृजित होना भी संभव है, जो वर्तमान में युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है। मई महीने में आयोजित वैश्विक निवेश सम्मेलन में संभावित निवेशकों के साथ जुड़ने का अवसर मिलेगा, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सकता है।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने अपने प्रशासनिक कार्यकाल में कई नई पहलों की शुरुआत की है, जैसे प्रदेश में औद्योगिक पार्क का निर्माण, आत्मनिर्भर योजना का कार्यान्वयन और वित्तीय प्रबंधन में सुधार। उनका मानना है कि यदि उन्हें सेवा विस्तार दिया जाता है, तो वे और अधिक सुधार लाने और प्रदेश की समृद्धि में योगदान देने में सक्षम होंगे।
स्थानीय निवासी इस प्रस्ताव का स्वागत कर रहे हैं और उनके कार्यों के परिणामस्वरूप प्रदेश में विकास की गति बढ़ने की उम्मीद व्यक्त कर रहे हैं। यदि केंद्रीय सरकार के इस पत्र पर सकारात्मक निर्णय लिया जाता है, तो कई क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास की नई लहर देखने को मिल सकती है।
अगले कुछ हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लेती है और क्या मनोज कुमार सिंह को एक बार फिर प्रदेश के विकास की दिशा में मार्गदर्शन करने का मौका मिलेगा।