देश के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, ऑस्ट्रेलिया के वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय ने ग्रेटर नोएडा में अपना एक कैंपस खोलने की योजना बनाई है। बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के एक उच्च स्तरीय सरकारी प्रतिनिधिमंडल ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का दौरा कर विश्वविद्यालय कैंपस खोलने की इच्छा जाहिर की। इस थ्री-पार्टी बैठक में प्रतिनिधिमंडल और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे और दोनों पक्ष जल्द ही इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए उत्सुक हैं।
प्रतिनिधिमंडल की अहम बैठक
प्रतिनिधिमंडल में ऑस्ट्रेलियाई मंत्री व परामर्शदाता (शिक्षा और अनुसंधान) जॉर्ज थिवोस, ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के प्रथम सचिव नैथनियल वेब, वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय के डिप्टी वॉइस चांसलर और सीओओ बिल पैरासिरिस, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मैरिओन जॉन्स, प्रोजेक्ट मैनेजर शुभम गुप्ता एवं लीड रिसर्चर कोपल चौबे समेत वरिष्ठ सदस्य शामिल थे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि कुमार, एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, ओएसडी एनके सिंह, महाप्रबंधक परियोजना एके सिंह तथा अन्य अधिकारीगण बैठक में उपस्थित थे।
प्रतिनिधिमंडल ने लगभग 11:30 बजे प्राधिकरण कार्यालय पहुंचकर प्रस्ताव रखा कि वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय का एक पूर्णतः समर्पित कैंपस ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में स्थापित किया जाए, जो शिक्षा और अनुसंधान दोनों क्षेत्रों में छात्रों को अवसर प्रदान करेगा। प्राधिकरण पक्ष ने भौतिक स्थल उपलब्ध कराकर इस पहल का समर्थन किया। दोनों पक्षों ने इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए आगे बढ़ने का मन बनाया है, और बहुत जल्द फाइनल निर्णय होने की उम्मीद जताई गई है।
ग्रेटर नोएडा में शिक्षा और रिसर्च के विस्तार की संभावनाएं
प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बैठक के दौरान कहा, “ग्रेटर नोएडा को एजुकेशन हब के रूप में विकसित करने का हमारा लक्ष्य है। यहाँ शिक्षा के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं और हम चाहते हैं कि युवा बेहतर प्रशिक्षण और रिसर्च के जरिए रोजगार के लिए तैयार हों। इस दिशा में वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय की सहभागिता बेहद महत्वपूर्ण होगी।”
वहीं, प्रतिनिधिमंडल ने ग्रेटर नोएडा के मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर की सराहना की और ग्रामीण तथा शहरी छात्रों के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम एवं शोध परियोजनाओं के लिए स्थानीय स्तर पर अवसर प्रदान करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि यह कैंपस न केवल छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के दरवाजे खोलेगा, बल्कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शैक्षिक सहयोग को भी मजबूत करेगा।
छात्रों के लिए क्या मिलेगा फायदा?
अगर यह कैंपस शुरू होता है, तो ग्रेटर नोएडा और आसपास के छात्रों को ऑस्ट्रेलियाई गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, बिना विदेश जाने की जरूरत के। विश्वविद्यालय में विभिन्न कोर्सेज और रिसर्च प्रोग्राम उपलब्ध होंगे, जिससे छात्रों को विश्वस्तरीय शैक्षणिक अनुभव के साथ-साथ रोजगार निर्माण में मदद मिलेगी। इसके अलावा, स्थानीय उद्यमियों के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने से युवाओं के कौशल वृद्धि और उन्हें नौकरी के लिए तैयार करने का काम भी होगा।
आगे की संभावना और प्रक्रिया
बैठक के दौरान, प्राधिकरण की ओर से प्रतिनिधिमंडल को प्रतीक स्वरूप पौधे भेंट किए गए, जो अमर सहयोग और समृद्धि का प्रतीक हैं। इस पहल के लिए दोनों पक्षों ने उत्साह व्यक्त किया है और जल्द ही जमीन, आवश्यक सुविधाएं और संचालन के तरीकों पर अंतिम निर्णय लिए जाने का इंतजार है।