उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में गौर सिटी स्थित महागुण मार्ट के सामने नो एंट्री में तेज रफ्तार आ रहे एकदम पर द्वारा महिला की कुचलकर मृत्यु के बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया है । रविवार शाम आक्रोशित लोगो ने महागुन मार्ट के पास जमा होकर जाम लगाने की कोशिश की जिसे पुलिस ने पहुँच कर किसी तरह खुलवाया।
शहर के लोगों ने महिला की मृत्यु के लिए सीधे-सीधे पुलिस और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को जिम्मेदार बता दिया है सोशल मीडिया पर लोगों ने आरोप लगाया है कि ऐसी घटनाओं के लिए गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और जिलाधिकारी की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। तो पुलिस पक्ष में कुछ कथित समाजसेवियों ने अतिउत्साह में इस पूरी घटना में पुलिस के कर्तव्यों को पूरा करने के नाम पर महिमागान भी कर दिया है और घटना के लिए एक काल्पनिक सांड को दोषी तक ठहरा दिया है । क्षेत्र में चर्चा है कि जब आसपास कहीं कोई सांड था ही नहीं तो फिर इस नई कहानी को जन्म देकर किसको बचाने की कोशिश की जा रही है और किसके हितों को साधा जा रहा है ।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट बायर्स की सबसे बड़ी आवाज कही जाने वाली संस्थान नेफोवा (Nefowa) ने स्पष्ट आरोप लगाते हुए लिखा कि सभी को मालूम है कि स्थानीय चौकी इंचार्ज, बीट पुलिस और प्राधिकरण के सुपरवाइजर और JE अपनी जिम्मेदारी के उलट मिलीभगत कर सडकों पर दुकाने लगवाते हैं और वसूली करते हैं। अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से ना निभाने पर सम्बंधित पुलिस कर्मियों और प्राधिकरण के कर्मियों को निलंबित क्यों ना किया जाए?
समाजसेवी जोगिंदर सिंह ने लिखा कि सिर्फ निलंबन से काम नहीं चलेगा बर्खास्त करने चाहिए । रिश्वत से अपनी जेब भर यह आम जन सामान्य की जिंदगी पर बनते जोखिम को जानबूझ कर अनदेखा करते है।
नीलम यादव ने आक्रोश जताते हुए लिखा कि कितनी ही बार प्राधिकरण / प्रशासन से प्रार्थना करने के बावजूद क्यों इस पर कार्यवाही नहीं हो पा रही है? आखिर किसका फायदा होता है इस रोड साइड अतिक्रमण से? इस रोड एक्सीडेंट में रोड पर बहती हुई खून और परिजनों के आंसुओं की बूंद की उसको भरपाई करनी पड़ेगी जिसको भी फायदा हो रहा है।
आशीष नामक एक यूजर ने लिखा कि डंपर बेलगाम हो गए है , उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती है। सड़क किनारे अतिक्रमण होने से लोगो को जगह नहीं मिलती और दुर्घटना होती है । कब तक निरीह लोगो की जान जाती रहेगी । प्रशासन कृपया इस पर संज्ञान।
वहीं मनीष नामक एक यूजर ने नोएडा की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी को टैग करके लिखा कि कृप्या एक बार @dcptrafficnoida @ACPTrafficNoida से पूछें कि गौर सिटि-2 क्षेत्र मे @Noidatraffic कर्मी तैनात होते हैं फिर यह डंपर कैसे चल रहा था? कर्मियों के तैनाती मे हेरफेर है या गांधी जी की महिमा है?
ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि क्या वाकई निवासियों के आरोप सही हैं और पूरे ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में अतिक्रमण प्रकार कार्यवाही करने वाला अर्बन विभाग और स्थानीय पुलिस ही इस अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार है, क्या अतिक्रमण होने देने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अर्बन विभाग के स्थानीय कर्मचारियों और स्थानीय पुलिस पैसा लेकर लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं और अगर यह सच है तो प्राधिकरण और पुलिस कमिश्नरेट को इस पूरे घटनाक्रम पर सख्त कार्यवाही की आवश्यकता है।