सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लावारिस कुत्तों के लिए पाँच शेल्टर होम बनाने का निर्णय लिया है। इन शेल्टर होम की स्थिति पौवारी, जलपुरा और चूहरपुर में चिह्नित की गई है, जिससे कुत्तों की देखभाल और सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
प्रत्येक शेल्टर होम का क्षेत्रफल 4000 वर्ग मीटर होगा, जिसमें कुत्तों के रहने, खाने और स्वास्थ्य से जुड़ी सभी आवश्यक सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। इस योजना के अंतर्गत, पशु प्रेमियों को लावारिस कुत्तों को गोद लेने का विकल्प भी दिया जाएगा, जिससे उनकी देखभाल और सुरक्षा में बढ़ोत्तरी होगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (स्वास्थ्य) आरके भारती ने बताया कि इन शेल्टर होम के संचालन का जिम्मा अनुभवी गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और पशु कल्याण से जुड़े संगठनों को सौंपा जाएगा। इस संबंध में एक बैठक का आयोजन बुधवार को किया गया, जिसमें इच्छुक संगठनों को 25 अगस्त तक आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया गया है। तकनीकी निविदाएं 27 अगस्त को खोली जाएंगी, जिसमें चयनित एजेंसी को शुरू में 7 साल का ठेका दिया जाएगा, जिसे 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
भारती ने कहा, “तकनीकी मूल्यांकन और प्रस्तुति के आधार पर हम एजेंसी का चयन करेंगे। यदि पहले चरण में यह योजना सफल होती है, तो हम भविष्य में शेल्टर होम की संख्या बढ़ाने पर विचार करेंगे।”
ग्रेटर नोएडा में लावारिस कुत्तों की बढ़ती संख्या के तेज़ी से बढ़ते संकट को देखते हुए यह कदम अत्यंत आवश्यक है। इस नई पहल से न केवल लावारिस कुत्तों को एक सुरक्षित स्थान मिलेगा, बल्कि स्थानीय निवासी भी इस प्रयास में भाग ले सकेंगे और कुत्तों की देखभाल में अपना योगदान दे सकेंगे।
यह एक सकारात्मक शुरुआत है, जो न केवल कुत्तों की भलाई के लिए है, बल्कि एक ऐसी समाज की स्थापना के लिए भी है जहां जानवरों के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान हो।