आशु भटनागर । पिछली सरकारों में बदहाल उत्तर प्रदेश की दशा और दिशा सुधरने लगी है विशेष तोर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दुसरे कार्यकाल में अभूतपूर्व परिवर्तन आ रहे है I पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री जहाँ कानून वयवस्था पर अपना फोकस बनाये हुए थे वही दुसरे कार्यकाल में आर्थिक क्रांति का बिगुल फूंक दिए है I उनके नेतृत्व में पिछले डेढ़ वर्ष में उत्तर प्रदेश के कई प्राधिकरणों ने अपने कर्ज के बोझ को कम करके न केवल विकास का मार्ग प्रशस्त किया है, बल्कि आर्थिक स्थिरता भी सुनिश्चित की है। इन्हीं में एक महत्वपूर्ण नाम है गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए), जिसने उपाध्यक्ष अतुल वत्स के नेतृत्व में 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के साथ-साथ 300 करोड़ रुपये की फिक्स डिपॉजिट करने में सफलता पाई है।
उपाध्यक्ष का कार्यभार संभालते हुए, अतुल वत्स को विरासत में जीडीए की विद्यमान कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कर्ज के बोझ तले दबी जीडीए पर देनदारी बढ़ रही थी और एकाउंट खाली था। कर्मचारियों को तनख्वाह देने में देरी, कर्ज का बढ़ता बोझ सहित तमाम तरह की नकारात्मक खबरों की वजह से जीडीए चचार्ओं में रहता था। कहा जाता है उनके पूर्ववर्ती कृष्णा करुणेश, राकेश कुमार सिंह व इंद्र विक्रम सिंह आदि कथित तोर सख्त और ईमानदार छवि तो बनाये रहे किन्तु दूरदर्शिता के आभाव में जीडीए को कर्ज से ना उबार सके I संयोग देखिये अपने उच्च संपर्को के चलते मात्र 45 दिन बाद सेवानिवृत्त होने वाले राकेश कुमार सिंह वर्तमान में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यीडा के सीईओ हैं जबकि कृष्णा करुणेश नोएडा प्राधिकरण में बतौर एसीईओ नियुक्त किए गए हैं। खैर अतुल वत्स ने यह चुनौती स्वीकारी और जीडीए को पुनर्जीवित करने के लिए सकारात्मक कदम उठाए।
लगभग कुछ महीनों की कठिन मेहनत और रणनीतिक निर्णयों के बाद, जीडीए ने अब अपनी ऋण स्थिति को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। स्वतंत्रता दिवस पर इस उपलब्धि के बारे में बात करते हुए अतुल वत्स ने कहा, “यह सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे जीडीए की जीत है। हमारी मेहनत और संकल्प ने हमें इस कठिनाई से बाहर निकाला है। अब जीडीए में नया जीवन और विस्तार की संभावनाएँ हैं।” अतुल वत्स ने यह भी जानकारी दी कि जीडीए का नया मुख्यालय भवन जल्द ही बनकर तैयार होगा, और अगले वर्ष स्वतंत्रता दिवस उसी भवन में आयोजित करने का लक्ष्य है।
आर्थिक स्थिति में सुधार
आंकड़ो की बात करें तो जीडीए ने वर्ष 2016 से 2020 के बीच एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से 700 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2018-19 के दौरान इंडियन बैंक से मधुबन बापूधाम योजना के लिए 800 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था। इस ऋण के कारण जीडीए को अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में खर्च करना पड़ता था। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की पिछले पांच वर्षों में औसत आय मात्र 820.66 करोड़ रुपये थी, जबकि कुल कर्ज एक हजार करोड़ रुपये का था। अतुल वत्स के नेतृत्व में, जीडीए ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 1294 करोड़ रुपये के निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले 1,653.24 करोड़ रुपये की आय अर्जित की। इसमें संपत्तियों की बिक्री से 350 करोड़ रुपये शामिल हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 40% अधिक है। इसके फलस्वरूप, प्राधिकरण ने इंडियन बैंक का 800 करोड़ रुपये और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड का 165 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया बल्कि साथ ही 300 करोड़ की एफडी भी कराई। सिर्फ पिछले चार महीनों में 900 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया गया है।

अतुल वत्स एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं। वर्तमान में, वह गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष हैं। इससे पहले, उन्होंने अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और सुल्तानपुर के मुख्य विकास अधिकारी के रूप में भी काम किया है। 15 मार्च 2024 को जीडीए उपाध्यक्ष का चार्ज संभाने के अतुल वत्स ने कहा था कि उनका पहला लक्ष्य जीडीए को कर्ज के मकड़जाल से मुक्त कराते हुए विकास की रफ्तार को गति देना है।
नई योजनाएं और विकास
ऐसे में अब अपने पूर्ववर्तियो के मुकबले स्मार्ट उपाध्यक्ष कहे जा रहे अतुल वत्स ने जीडीए के विकास कार्यों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं बनाई हैं। इनमें से एक प्रमुख योजना है 25 वर्षों बाद आवासीय भूखंडों की योजना ‘हरनंदीपुरम’ का उद्घाटन। इसके माध्यम से स्थानीय निवासियों को किफायती आवास प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा, जो कि गाजियाबाद की बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
इसके अतिरिक्त, आवंटियों की सुविधा के लिए ‘पहल’ नामक एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से आवंटियों को विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने में आसानी होगी, जिससे प्राधिकरण की पारदर्शिता और सेवा में वृद्धि होगी।
साथ ही इंदिरापुरम योजना के तहत 200 करोड़ की लागत से एलीवेटेड रोड पर स्लिप रोड का निर्माण भी शामिल है, जिससे दिल्ली और वसुंधरा-इंदिरापुरम के बीच यातायात सुगम होगा। साथ ही जीडीए द्वारा 125 करोड़ की लागत से आरडीसी में मल्टी लेवल ऑटोमेटेड कार पार्किंग की परियोजना भी प्रस्तावित की गई है।
31 करोड़ की लागत से सिटी फोरेस्ट का सौंदर्यकरण और 36 करोड़ की लागत से 45 मीटर चौड़ी रोड का निर्माण, राजेंद्र नगर में डॉ. राम मनोहर लोहिया पार्क का 20 करोड़ की लागत से सौंदर्यकरण शामिल हैं। मधुबन बापू धाम योजना में 26 करोड़ की लागत से 45 मीटर चौड़ाई और 1.575 किलोमीटर लंबाई की सड़क का निर्माण भी प्रस्तावित है। निवाड़ी में 12 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय स्तर की शूटिंग रेंज के जीर्णोद्धार का कार्य और बंधा नूर नगर को जाने वाली 24 मीटर रोड के निर्माण भी शामिल हैं।
जी0डी0ए0 स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर लेकर आया हैं, विभिन्न योजनाओं में रिक्त भूखण्डों की महा-नीलामी!
रेजिडेंशियल,कमर्शियल और संस्थागत भूखण्ड सब एक साथ! तारीख: 03.09.2025, 11:00 बजेl स्थान: हिंदी भवन, लोहिया नगर,गाज़ियाबादl
