दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक मीडिया कंपनी को व्यवसायी विकास गर्ग के खिलाफ कथित रूप से मानहानिकारक वीडियो में ‘नटवरलाल’ शब्द के इस्तेमाल पर उनकी प्रतिक्रिया प्रसारित करने का आदेश दिया है। यह आदेश ऐसे समय में आया है जब अक्सर घोटालों के सामने आने पर मीडिया द्वारा आरोपियों को बिना किसी न्यायिक निष्कर्ष के ‘नटवरलाल’ घोषित कर दिया जाता है।
न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने विकास गर्ग द्वारा दायर एक याचिका पर यह आदेश पारित किया। गर्ग वर्तमान में कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में हैं। गर्ग ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि मीडिया कंपनी ने अपने एक सेगमेंट में उनके बारे में “2025 का सबसे बड़ा नटवरलाल” शीर्षक से खबर प्रसारित की थी।
गर्ग ने तर्क दिया कि उनके लिए ‘नटवरलाल’ शब्द का उपयोग स्पष्ट रूप से चैनलों की दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक मंशा को दर्शाता है, जिसके तहत उन्हें एक धोखेबाज के रूप में चित्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत, व्यावसायिक और सार्वजनिक प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। याचिका में कथित रूप से अपमानजनक वीडियो और निराधार आरोपों के विरुद्ध स्थायी और अनिवार्य निषेधाज्ञा की मांग की गई थी।
अदालत ने मीडिया कंपनी, जिसे कार्यवाही में ज़ी कॉर्पोरेशन के रूप में पहचाना गया है, को अपने चैनलों पर चलाए गए कथित मानहानिकारक वीडियो पर व्यवसायी की प्रतिक्रिया को प्रसारित करने का स्पष्ट निर्देश दिया है।