क्षेत्रीय परिवहन को संरचना में सुधार लाने के लिए, यमुना एक्सप्रेसवे को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केजीपी) से जोड़ने वाले नए इंटरचेंज का निर्माण कार्य अगले 15 दिनों में शुरू होने की संभावनाएँ हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने हाल ही में इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए एनसीआर ईपी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का चयन किया है। इस कार्यक्रम पर कुल 222 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
प्रोजेक्ट का महत्व
यमुना एक्सप्रेसवे, जो मुख्य रूप से नोएडा और आगरा के बीच की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए जाना जाता है, अब इस नए इंटरचेंज के माध्यम से केंद्रीय और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण मार्गों से जुड़ जाएगा। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, जो एक महत्वपूर्ण आवागमन की धुरी है, से कनेक्टिविटी मिलने से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि ट्रैफिक जाम और सड़क दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी घटेंगी। इसके अलावा, इससे आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होने की अपेक्षा की जा रही है।
निर्माण की प्रक्रिया
इस इंटरचेंज के डिजाइन में नवीनतम तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा, जिससे इसकी स्थायित्व और उपयोगिता को सुनिश्चित किया जा सके। निर्माण कार्य छोटी अवधि में और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाएगा। एनसीआर ईपी प्राइवेट लिमिटेड की टीम ने बताया है कि वे इस परियोजना पर तेजी से काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे कि निर्धारित समय में काम पूरा किया जा सके।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता
हालांकि, ऐसे बड़े बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ पर्यावरणीय चिंताओं का भी ध्यान रखा जा रहा है। NHAI ने यह सुनिश्चित किया है कि निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे। इसके लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) रिपोर्ट भी तैयार की गई है, जो यह मान्यता देती है कि परियोजना के दौरान और बाद में स्थानीय पारिस्थितिकी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा।