त्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी संगठन में बड़े फेरबदल की तैयारी शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, पार्टी में लगभग 30 से 35 नए जिलाध्यक्षों पर बदलाव की संभावना है, जिसकी घोषणा नवरात्रि के बाद की जा सकती है। इस बदलाव का उद्देश्य आगामी पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी की संगठनात्मक संरचना को और अधिक मजबूत करना है।
पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि अखिलेश यादव ने राज्य के सभी जिला और विधानसभा क्षेत्र के प्रभारियों को हटा दिया है। इनमें से अधिकांश नेता पहले “अपना बूथ करो मजबूत” अभियान के तहत नियुक्त किए गए थे, जो विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग समय पर तैनात किए गए थे। लेकिन अब कई ऐसे प्रभारियों की कार्यशैली को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष की खबरें सामने आई हैं, जो सीधे तौर पर अखिलेश यादव तक पहुंची थीं।
इस संदर्भ में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कहा कि अखिलेश यादव चाहते हैं कि नए जिला एवं विधानसभा प्रभारियों का चयन उस आधार पर किया जाए, जो संगठन को मजबूती प्रदान कर सकें। कई ऐसे नेता हैं जिनसे अखिलेश यादव संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने इस पर विचार करते हुए नए प्रभारियों की नियुक्ति की योजना बनाई है।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी जल्द ही एक नई सूची जारी करेगी जिसमें नए प्रभारियों के नाम शामिल होंगे। यह कदम अखिलेश यादव की ‘मिशन 27’ रणनीति का हिस्सा है, ताकि चुनावी परिपेक्ष्य में पार्टी को सशक्त और प्रभावी बनाया जा सके।
गौतम बुद्ध नगर जिलाध्यक्ष , नोएडा महानगर अध्यक्ष पद पर भी बदलाव की अटकलें
गौतम बुद्ध नगर के जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी और नोएडा महानगर अध्यक्ष आश्रय गुप्ता के पदों पर भी बदलाव की संभावनाएं चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इस क्षेत्र में समाजवादी पार्टी में नए जिलाध्यक्ष के लिए कई दावेदार मौजूद हैं। इससे स्पष्ट होता है कि पार्टी में संगठनात्मक सुधार के इस दौर में स्थानीय स्तर पर भी परिवर्तन की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।
इस तरह के बदलाव केवल सपा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह दल के भीतर राजनीतिक जागरूकता और सक्रियता के संकेत भी हैं। सभी की नजरें अब नवरात्रि के बाद होने वाली घोषणाओं पर रहेंगी, जब अखिलेश यादव अपनी नई टीम का गठन कर सकते हैं।
जिले में समाजवादी पार्टी को शहरी वर्ग, व्यापारी वर्ग, युवाओं और अन्य समुदायों के प्रति पार्टी का रुख सुनिश्चित करने के लिए भी ये बदलाव महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। पार्टी में नई सोच और युवा नेतृत्व को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य स्पष्ट है, जिससे समाजवादी पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार रह सके।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह नया दिशा-निर्देश विभागीय जिम्मेदारियों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जिससे सपा के भीतर एक नई ऊर्जा का संचार होगा।
अखिलेश यादव की इस पहल से साफ संकेत मिलता है कि वे पार्टी को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए तत्पर हैं, और हर संभव प्रयास करेंगे ताकि आने वाले चुनावों इस बार जिले भी में पार्टी की सफलता सुनिश्चित हो सके।