बिहार में 24 जून से 25 जुलाई 2025 तक चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के गणना चरण का सफलतापूर्वक समापन हुआ है। 1 अगस्त 2025 को, निर्वाचन आयोग ने प्रारूप निर्वाचक सूची का प्रकाशन किया, जिसके तहत दावे, आपत्तियां और आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने की अवधि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक निर्धारित की गई है।
इस अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, सभी 38 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, 243 चुनाव रजिस्ट्रार अधिकारियों (ईआरओ), 2,976 सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रार अधिकारियों (एईआरओ), 90,712 बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) और लाखों स्वयंसेवकों के निरंतर प्रयासों की सराहना की। इसके साथ ही, सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के क्षेत्रीय प्रतिनिधियों, जिनमें उनके जिला अध्यक्ष और 1.60 लाख बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलए) शामिल हैं, की भी प्रशंसा की गई।
निर्वाचकों को प्रारूप निर्वाचक सूची में किसी भी प्रकार की त्रुटि को सुधारने का अवसर देने के साथ ही, आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने का भी अवसर प्रदान किया जा रहा है। बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार, अब तक 98.2% निर्वाचकों के दस्तावेज़ प्राप्त हो चुके हैं। यह आंकड़ा इस बात को दर्शाता है कि 24 जून से 1 अगस्त, 2025 के बीच कुल 60 दिनों में, 98.2% लोगों ने समय पर अपने दस्तावेज जमा कर दिए हैं, जिसका अर्थ प्रतिदिन औसतन लगभग 1.64% निर्वाचकों द्वारा दस्तावेज़ प्रस्तुत किया जाना है।
हालांकि, 1 सितंबर तक केवल 8 दिन शेष हैं, और अभी भी 1.8% निर्वाचक अपने दस्तावेज़ जमा करने से बचे हुए हैं। बीएलओ और स्वयंसेवकों की सहायता से यह कार्य तेजी से जारी है। निर्वाचन आयोग ने यह सुझाव दिया है कि इस तरह की गति के चलते दस्तावेज़ संग्रह से संबंधित कार्य समय पर पूरा होने की संभावना है।
एसआईआर के अंतर्गत 24 जून 2025 के आदेशों के अनुसार, संबंधित 243 ईआरओ और 2,976 एईआरओ दस्तावेजों का सत्यापन कर रहे हैं। प्रारूप सूची में शामिल 7.24 करोड़ निर्वाचकों से अब तक 0.16% दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। इनमें से, बिहार में 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बीएलए से 10 दावे और आपत्तियां उपस्थित की गई हैं, वहीं अन्य निर्वाचकों से 1,21,143 दावे एवं आपत्तियाँ साझा की गई हैं।
दिलचस्प बात यह है कि 1 जुलाई को 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के 3,28,847 नए निर्वाचकों ने भी अपना फार्म 6 और घोषणा पत्र प्रस्तुत किया है। यह इस बात का संकेत है कि युवा मतदाता अपनी भागीदारी के लिए तत्पर हैं।
बिहार की एसआईआर निर्धारित समय पर चल रही है। निर्वाचन आयोग ने सभी दावों और आपत्तियों पर निर्णय लेने और पात्रता दस्तावेजों की जांच का कार्य 25 सितंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके बाद, अंतिम जाँच के बाद अंतिम निर्वाचक सूची 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी।
निर्वाचन आयोग का यह कदम बिहार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने और मतदाता भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। सामूहिक प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी नागरिकों का मताधिकार सुरक्षित और सटीक तरीके से मान्यता प्राप्त हो सके। चुनावी प्रक्रिया के इस महत्वपूर्ण चरण में सभी संबंधित पक्षों की सक्रिय भागीदारी ने यह साबित कर दिया है कि लोकतंत्र की नींव मजबूत हो रही है।