आशु भटनागर । ग्रेटर नोएडा के सिरसा गाँव में दहेज़ के लिए हुए चर्चित निक्की भाटी हत्याकांड ने न केवल पुलिस प्रशासन की चुनौतियों को उजागर किया है, बल्कि समाज में भी एक गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। निक्की भाटी की हत्या को अब एक सप्ताह से अधिक हो चुका है, लेकिन पुलिस अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुँच पाई है। यह मामला खासकर सोशल मीडिया पर चल रही गतिविधियों की वजह से और ज्यादा पेचीदा होता जा रहा है। पुलिस सूत्रों की माने तो किसी भी प्रकरण में न्याय मांगने वाले परिवारों को केवल कानूनी प्रक्रिया का ही सहारा लेना चाहिए, न कि सोशल मीडिया पर विवादों से पुलिस जांच को प्रभावित करने का प्रयास करना चाहिए।
पुलिस के सामने चुनौतियाँ
पुलिस का कहना है कि निक्की हत्याकांड के सभी सबूतों को एकत्रित किया जा रहा है, लेकिन उन्हें सोशल मीडिया की टकराहटों से जूझना पड़ रहा है। इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं की जांच अभी जारी है
फोरेंसिक रिपोर्ट: निक्की के कमरे से बरामद ज्वलनशील पदार्थ की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। यह रिपोर्ट यह साबित कर सकेगी कि आग खुद ब खुद लगी थी या किसी ने इसे जानबूझकर भड़काया था।
हर रोज नए वीडियो सबूत: पुरे प्रकरण में प्रतिदिन एक नया वीडियो क्लिप सामने आ रहा है, जिसमें घटना को लेकर जांच की दिशा प्रभावित हो रही है
पुलिस के समक्ष सच सामने लाने के लिए दोनों ही परिवारों के साथ साथ गुर्जर समाज के दो ग्रामो के बीच बढ़ रही दीवार और पारिवारिक नफरत को रोकने की भी चुनोती बन रही हैं I मीडिया को दिए एक बयान में निक्की की माँ ने कहा कि अगर पुलिस से न्याय ना हो रहा हो तो हम अपने तरीके से कर लेंगे I वहीं सिरसा ग्राम में लड़की न देने जैसे बयानों ने भी पुलिस के लिए दबाब बढ़ा दिया है
दहेज और एक्स्ट्रा मैरिटल संबंधो के विवादों का शक
पुलिस को संदेह है कि निक्की की हत्या का कारण दहेज की मांग और एक्स्ट्रा मैरिटल संबंधो का विवाद हो सकता है। सिर्फ “रील्स बनाने” जैसे मामूली विवाद को हत्या का कारण मानना मुश्किल लगता है। कंचन ने पुलिस को बताया कि आरोपी विपिन के एक अन्य युवती से अवैध संबंध थे। वह उससे मिलने जाता था। यह बात निक्की को पता चल गई थी। दोनों बहनों ने आरोपी विपिन को प्रेमिका के साथ रंगे हाथ पकड़ा था। इसके बाद से दोनों के बीच अनबन चल रही थी। पति-पत्नी के बीच रोजाना झगड़ा होने लगा था। फरवरी में इस बात को लेकर आरोपी विपिन ने निक्की को बुरी तरह पीटा था। उसने आरोप लगाया कि घटना के दिन निक्की कपड़े प्रेस करने के लिए ऊपर गई थी, तभी आरोपी विपिन ने सीढ़ियों पर खड़े होकर उसे आग लगा दी।
विपिन ने डिलीट की कॉल हिस्ट्री
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, विपिन भाटी ने गिरफ्तारी से पहले अपने फोन की पूरी कॉल हिस्ट्री डिलीट कर दी। पुलिस ने इस पर गहरी नजर रखी है और सभी इलेक्ट्रॉनिक डेटा की फॉरेंसिक जांच की जा रही है।
वीडियो बने पुलिस की मुसीबत
निक्की के परिवार की ओर से दो वीडियो साझा किए गए हैं, जिनमें से एक जलने की घटना का है और दूसरा वीडियो विपिन द्वारा निक्की की पिटाई का। वहीं विपिन के परिवार ने एक सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत किया है, जिसमें यह दिखाया गया है कि घटना के समय विपिन घर के बाहर था। हालांकि, पुलिस ने इस फुटेज की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं की है और इसकी जांच की जा रही है।
नया मोड़: निक्की की भाभी द्वारा उसके परिवार पर भी दहेज का आरोप
इस हत्याकांड में मंगलवार को एक नया मोड़ तब आया, जब निक्की की भाभी ने आरोप लगाया कि उसे भी दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया था। इस पर निक्की के पिता भिखारी पायला ने कहा, “यह एक अलग मामला है, इसे एक साथ मत जोड़ो। अदालत तय करेगी कि इसके लिए एक मामला दर्ज है या नहीं।”
सोशल मीडिया की भूमिका
सोशल मीडिया ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। निक्की के परिवार और हत्यारोपित पति विपिन भाटी के रिश्तेदारों के मध्य सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों परिवार न्याय की मांग करते हुए ऑनलाइन मुहिम चला रहे हैं और यह आरोप लगा रहे हैं कि दूसरी पक्ष जानबूझकर मामले को उलझाने की कोशिश कर रहा है। ट्विटर और फेसबुक पर फोटो, वीडियो और बयान साझा करने से जनता की धारणा पर असर पड़ा है।
जनता की धारणा पर प्रभाव
जांच में शामिल अधिकारी यह भी मानते हैं कि पूरे मामले में जनता की धारणा को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। एक विशेषज्ञ ने कहा, “महिला को जिंदा जलाया गया था। पोस्टमार्टम में शव पर जलने के कारण मृत्यु की पुष्टि की गई है। सभी सबूतों की समीक्षा की जा रही है।”
ऐसे में जांच का परिणाम जो भी हो निक्की भाटी की हत्या का मामला न केवल एक संवेदनशील अपराध है, बल्कि यह ग्रेटर नोएडा के ग्रामीण परिवेश में महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों और दहेज प्रथा के गंदे चेहरे को भी उजागर करता है। इस हत्याकांड ने अब पुलिसिंग प्रणाली की क्षमताओं को चुनौती दी है
ऐसे में पुलिस के लिए यही वक्त है कि सच को सामने लाने के लिए सबूतों पर आधारित जांच को प्राथमिकता दी जाए, ताकि पूरे मामले के नतीजे तक पहुंचा जा सके और जिन्दा जली या जलाई गयी इस युवा महिला के लिए न्याय सुनिश्चित किया जा सके।