NCRKhabar Exclusive : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्लानिंग विभाग की माया, बारिश बाद जहाँ सड़क थी वहां वहां पानी आया

आशु भटनागर
6 Min Read

आशु भटनागर I थोड़ी सी बारिश के बाद सब तरफ पानी पानी हुए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सफाई व्यवस्था एक प्रमुख चिंता का विषय बन गई है, जिससे सड़कों और रिहायशी इलाकों में पानी और गंदगी का जमावड़ा हो रहा है। मुख्य सडको और सोसाइटी में पानी भरने से परेशान निवासियों ने शिकायत की है कि सड़कों पर पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि एनजी की तमाम कोशिशो के बाबजूद बारिश के बाद शनिवार को स्थिति भयावह हो गयी I

जगह जगह पानी भरने से नाराज लोगो ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि एनजी से इसके लिए प्राधिकरण के प्लानिंग, हेल्थ और अर्बन विभाग को ज़िम्मेदार ठहराया है I लोगो का स्पस्ट कहना है कि शहर में अगर पानी निकासी की प्लानिंग ठीक से की गयी होती तो सडको और सोसाइटी में पानी नहीं दुखाई दे रहा होता है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट शहर की प्लानिंग में इतनी कमियां है कि थोड़ी सी ही बारिश में पानी जमा होने लगता है, नाले फुल हो जाते है I आरोप है कि भ्रष्टाचार की आड़ में प्लानिंग विभाग ने ऐसे ऐसे कारनामे कर दिए है जिसकी सजा शहर के निवासियों को भुगतनी पड़ रही हैI

रोचक तथ्य ये है उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में प्लानिंग विभाग पर ध्यान ही नहीं दिया गया है, जानकारों की माने तो बीते १० वर्षो से प्लानिंग विभाग कर्मचारियों की कमी से भी जूझ रहा है हालात इतने बदतर है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से सेवानिवृत्त महाप्रबंधक नियोजन और वास्तुकला लीनू सहगल बीते वर्ष 30 सितम्बर को सेवानिवृत्ति के बावजूद इसी पद पर जमी हुई हैं उनको पिछले वर्ष 1 अक्तूबर को विस्तार दिया गया और चर्चा है कि उनके राजनैतिक रसूख के चलते इस वर्ष 30 सितम्बर को फिर से उन्ही को विस्तार की अटकले लगाई जा रही हैं I प्लानिंग विभाग में कमी सिर्फ महाप्रबंधक तक ही सीमित हो ऐसा नहीं है दावा किया गया है कि आर्किटेक्ट से लेकर अन्य रिक्त पदों के चलते या तो संविदा पर लोग रखे जाते है या फिर प्रोजेक्ट बेसिस पर विशेषज्ञ हायर किये जाते है ऐसे में शहर के नियोजन को लेकर प्रयासों के गंभीर होने को समझा जा सकता है और इसका परिणाम थोड़ी सी बारिश के बाद शहर के पानी पानी होने के तोर पर सामने आता है I

शहर में पानी भरने के लिए दुसरे विभाग के तोर और शहर में स्वास्थ्य विभाग को बताया जा रहा है I जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग बीते लम्बे समय से स्वयम ही बीमार चल रहा है I लोगो ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो पर काम न करने से लेकर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगाये है I लोगो का दावा है अगर सही से सफाई हो रही होती तो जल भराव संभव ही नहीं था I यधपि स्वास्थ्य विभाग ने नए अधिकारी आर के भारती के आने बाद काम होना आरम्भ हुआ है किन्तु पिछले अधिकारियो का कुप्रबंधन अभी तक असर दिखा रहा हैI हाल ही में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए 252.49 करोड़ रुपये की बड़ी परियोजना की घोषणा की है। इसमें घर-घर कूड़ा उठाने और मशीनों के माध्यम से सफाई कार्य को शामिल किया गया है। क्षेत्र के निवासियों की अपेक्षा है कि इस योजना का सफल कार्यान्वयन समस्या को हल करने में मददगार साबित होगा।

बारिश के बाद पानी भरने के कारणों को लेकर निवासियों का गुस्सा शहर के सबसे बीमार विभाग अर्बन विभाग पर भी फूटा है लोगो का दावा है कि पुराने वरिष्ठ प्रबंधक को हटाने के बाबजूद स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया है I शहर की सडको के किनारे लगने वाले साप्ताहिक बाजारों और रेहड़ी पटरी की स्थिति वैसी ही है I ये साप्ताहिक बाज़ार, रेहड़ी पटरी ही इसके पास के नालो और चौक होने और गंदगी के मुख्य ज़िम्मेदार है I आरोप है कि इन बाजारों में प्रत्येक से औसत 3 से 5 लाख प्रतिमाह की वसूली की जाती है इसके चलते इसमें अब हिस्सेदारी को लेकर झगडे तक होने लगे है बीत सप्ताह ग्रेटर नोएडा में अल्फा मार्किट में अर्बन विभाग और एक किसान संगठन के बीच हुए विवाद को ऐसे ही देखा गया I अर्बन विभाग और किसान संगठन दोनों ही एक दुसरे पर वसूली के आरोप लगा रहे थे I

ऐसे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ रवि एनजी को ये सुनिश्चित करना होगा कि वो इन तीनो विभागों पर लगाये जा रहे आरोपों पर सख्त निर्णय ले वहीं प्राधिकरण के प्लानिंग विभाग में महाप्रबंधक,आर्किटेक्ट आदि अधकारियो की कमी पर औधोगिक मंत्री नन्द गोपाल नंदी को भी निर्णय शीघ्र ही लेना होगा I क्योंकि सिर्फ एक कर्मठ सीईओ के बलबूते या सेवानिवृत्त महाप्रबंधक नियोजन और वास्तुकला लीनू सहगल को एक और विस्तार देकर नियोजन की बीमार कार्य प्रणाली को बदला नहीं जा सकता है I साथ ही प्रबंधको, इंजीनियरों और वरिष्ठ प्रबंधको की कमी से जूझ रहे प्राधिकरण की समस्या को दूर करना भी औधोगिक मंत्री की ही ज़िम्मेदारी है I

Share This Article
आशु भटनागर बीते 15 वर्षो से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(रु999) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे