ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जल प्रदूषण फैलाने वाले बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राधिकरण के सीवर विभाग ने उन 7 बिल्डरों पर कुल 54 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है, जिनके सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) अक्रियाशील पाए गए या जो बिना शोधित किए सीवेज को नालों में गिरा रहे थे। प्राधिकरण ने इन बिल्डरों को न सिर्फ जुर्माना शीघ्र जमा कराने का निर्देश दिया है, बल्कि दोबारा जांच में कमी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराने और लीज डीड व भवन नियमावली की शर्तों के अनुरूप कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है।

“सीवरेज को शत-प्रतिशत शोधित करने और साफ पानी को रियूज करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्रयासरत है। यह प्रयास तभी सफल हो सकता है, जब ग्रेटर नोएडा के निवासी भी इसमें सहयोग करेंगे। बिल्डर सोसायटियों से निकलने वाले सीवरेज को शोधित करने के लिए एसटीपी को चलना अनिवार्य है। बिना शोधित किए सीवरेज को नाले में गिराने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीवर विभाग की टीम सोसाइटियों में बने एसटीपी और उससे शोधित पानी की नियमित रूप से जांच करती रहेगी।”
प्रेरणा सिंह, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
जानकारी के अनुसार, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा से निकलने वाले सीवेज को शत-प्रतिशत शोधित कर रियूज करने के लिए गहन प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एसटीपी का निर्माण कराया जा रहा है और अब आईटी सिटी में भी एक नया एसटीपी बनाने को मंजूरी दी गई है। हालांकि, प्राधिकरण ने पाया कि ग्रेटर नोएडा के कुछ बिल्डर अपनी बहुमंजिला आवासीय इमारतों से निकलने वाले सीवेज को शोधित करने में गंभीर लापरवाही बरत रहे थे और बिना शोधित किए ही दूषित पानी को सीधे नालों में गिराने का प्रयास कर रहे थे।
इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए, प्राधिकरण के सीवर विभाग ने तुरंत कार्रवाई की। जिन 7 बिल्डरों पर कुल 54 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, उनमें सेक्टर एक स्थित राजहंस रेजिडेंसी, पैरामाउंट इमोशंस, देविका होम्स, कैपिटल एथिना और पंचशील हाइनिस शामिल हैं। इसके अलावा, टेकजोन-4 स्थित जेएम फ्लोरेंस और सेक्टर 16 स्थित पंचशील ग्रीन्स -2 पर भी यह कार्रवाई की गई है।
बिल्डर सोसाइटी | सेक्टर | जुर्माने की रकम |
राजहंस रेजिडेंसी | सेक्टर -1 | 5 लाख रुपए |
पैरामाउंट इमोशंस | सेक्टर -1 | 5 लाख रुपए |
देविका होम्स | सेक्टर -1 | 10 लाख रुपए |
कैपिटल एथिना | सेक्टर -1 | 5 लाख रुपए |
पंचशील हाईनिस | सेक्टर -1 | 12 लाख रुपए |
जेएम फ्लोरेंस | टेकजोन-4 | 5 लाख रुपए |
पंचशील ग्रीन्स टू | सेक्टर -18 | 12 लाख रुपए |
प्राधिकरण ने सभी दोषी बिल्डरों को यह रकम राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के खाते में शीघ्र जमा कराने और चालान की एक प्रति प्राधिकरण को भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्हें यह भी हिदायत दी गई है कि वे अपने सीवेज को अनिवार्य रूप से शोधित करें और साफ पानी का रियूज सुनिश्चित करें।
प्राधिकरण की टीम दोबारा इन एसटीपी की जांच करने जाएगी। यदि दोबारा निरीक्षण के दौरान किसी भी बिल्डर के यहां खामी पाई जाती है, तो उनके खिलाफ एनजीटी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा पारित आदेशों के अनुसार आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की लीज डीड और भवन नियमावली की शर्तों के अनुरूप भी गंभीर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।