भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के पूर्व अधिकारी अमित खरे को भारत के नए उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन का सचिव नियुक्त किया गया है। उनकी यह नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए होगी। खरे वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं और 12 अक्टूबर, 2021 से प्रधानमंत्री कार्यालय में सामाजिक क्षेत्र से संबंधित मामलों की देखरेख कर रहे हैं।
सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, मंत्रीमंडल की नियुक्ति समिति ने खरे की उपराष्ट्रपति के सचिव के रूप में नियुक्ति को स्वीकृति दी है। यह नियुक्ति अनुबंध के आधार पर होगी, जिसमें वेतन और अन्य सुविधाओं के साथ साथ सचिव पद की जिम्मेदारियां भी शामिल हैं।
खरे का प्रशासनिक करियर
अमित खरे ने अपने प्रशासनिक करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने भारत सरकार में सूचना एवं प्रसारण सचिव के रूप में सेवाएं दीं और इसके अलावा स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता और उच्च शिक्षा सचिव के पद पर भी काम किया। उनके कार्यकाल के दौरान भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण नीतियों को लागू किया, जिनमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की तैयारी एवं कार्यान्वयन शामिल है।
खरे ने चाईबासा के जिलाधिकारी के रूप में कार्य करते हुए 1990 के दशक में चारा घोटाले के प्रकरण का पर्दाफाश किया था। उनके कार्यकाल में ही चारा घोटाले की पहली एफआईआर दर्ज की गई, जिसने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और अन्य कई नेताओं की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। यह मामला देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आया था, जिसके चलते लालू प्रसाद यादव को हाल ही में जेल की सजा भी हुई थी।
शिक्षा एवं पारिवारिक पृष्ठभूमि
खरे ने अपनी स्नातक की डिग्री दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से प्राप्त की और इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातकोत्तर किया। उनके परिवार की भी उल्लेखनीय पृष्ठभूमि है, उनकी पत्नी निधि खरे झारखंड कैडर की 1992 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, जो प्रशासनिक सेवा में अपने योगदान के लिए जानी जाती हैं।
नए दायित्वों की उम्मीद
अमित खरे की नियुक्ति से उपराष्ट्रपति कार्यालय में प्रशासनिक दक्षता और नीति निर्माण में सुधार की उम्मीद की जा रही है। उनके अनुभव और विशेषज्ञता को देखते हुए यह माना जा रहा है कि वे नई नीतियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
नरेंद्र मोदी सरकार के तहत खरे का कार्यकाल लगातार महत्वपूर्ण मोड़ लाने वाला साबित हुआ है। नई शिक्षा नीति, डिजिटल मीडिया नियमों में बदलाव और सामाजिक क्षेत्र में कई सुधारों के कार्यान्वयन में उनका योगदान अति महत्वपूर्ण रहा है।
उनकी उपराष्ट्रपति के सचिव के रूप में नियुक्ति पर कई राजनीतिक और प्रशासनिक विशेषज्ञों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वे मानते हैं कि खरे की नियुक्ति से न केवल नीतिगत निर्णयों में सुधार होगा, बल्कि इससे सरकार और अधिक सक्रियता से काम करने में सक्षम होगी।