ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी स्थित श्री श्याम अपार्टमेंट फर्स्ट में एक बच्चे पर आवारा कुत्ते के हमले से स्थानीय निवासियों में गुस्सा और चिंता का माहौल है। घटना उस समय हुई जब बच्चा सुबह करीब 11 बजे पास के बाजार में कुछ सामान लेने गया था। वहाँ पर अचानक एक आवारा कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया और उसे कई जगहों पर काट लिया, जिसके कारण बच्चे को गंभीर चोटें आईं।
परिवार के सदस्यों के अनुसार, मूल रूप से फ्लैट नंबर वीजी-4 में रहने वाले प्रदीप के बेटे पर कुत्ते ने पीछा करते हुए हमला किया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुत्ते ने बच्चे के पैर को पकड़ लिया और उसे बुरी तरह काटा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। मौके पर मौजूद लोगों ने कुत्ते को वहां से दूर भगा दिया और तत्काल बच्चे के परिजनों ने उसे एक निजी अस्पताल में ले जाकर उपचार कराया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चे को प्राथमिक उपचार दिया और उसकी स्थिति को गंभीर बताते हुए एक महीने का बेड रेस्ट परामर्श दिया। हालांकि, बच्चे के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिए यह घटना खतरनाक साबित हो सकती है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि लावारिस कुत्ते के काटने से बच्चा अत्यधिक डर गया है, जो उसकी मानसिक स्थिति पर प्रभाव डाल सकता है।
घटना के बाद स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। निवासी विवेक ने बताया कि वे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आवारा कुत्तों को हटाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, “समस्या केवल आवारा कुत्तों की नहीं है, बल्कि यह सभी निवासियों के लिए एक सुरक्षा का मुद्दा बन गया है।”
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि कुत्तों के प्रति सहानुभूति रखने वाले लोग उन्हें सड़कों पर भोजन देने से बाज नहीं आ रहे हैं, जिससे उनकी संख्या बढ़ रही है और आक्रामकता में भी इजाफा हो रहा है। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में आवारा कुत्तों के लिए अभी तक कोई शेल्टर होम नहीं बनाया गया है, जिससे इन जानवरों को सुरक्षित स्थान प्रदान करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना संभव नहीं हो पा रहा है।
पुलिस प्रशासन भी इस मामले में कोई खास करवाई करते नजर नहीं आ रहा है। अभी तक सडको पर कहीं भी खाना खिलाने वाले कथित कुत्ता प्रेमियों के विरुद्ध एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है जबकि ऐसी घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है । निवासियों ने पुलिस और प्राधिकरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके लिए यह घटना एक चेतावनी होनी चाहिए कि ऐसी परिस्थितियों को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
इस घटना ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आवारा कुत्तों की समस्या को कैसे प्रभावी ढंग से हल किया जाए। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसे और भी मामले सामने आ सकते हैं, जो बच्चों और निवासियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं।