गौतमबुद्ध नगर जिले की अदालत ने निक्की हत्याकांड में मुख्य आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें पीड़िता का पति विपिन भी शामिल है। यह फैसला उस गंभीर मामला में आया है, जिसमें निक्की को जिंदा जलाकर हत्या का आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कहा कि वादी कंचन भाटी की बहन निक्की भाटी के ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डालकर जान से मारने (हत्या) का केस है। मामला सत्र परीक्षणीय, अजमानतीय और गंभीर प्रकृति का है। मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों में जमानत के पर्याप्त आधार नहीं है। इसलिए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।
न्यायालय के निर्णय को सुनते ही पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली, जबकि आरोपियों के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हुआ। आरोपी पक्ष के अधिवक्ता अमित भाटी बोड़ाकी की तरफ से मंगलवार को सभी चारों आरोपियों की ओर से अदालत में जमानत याचिका लगाई गई थी। जमानत पर सुनवाई के दौरान आरोपी पक्ष के अधिवक्ता की तरफ से कहा गया कि आरोपी निर्दोष है। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। उन्हें झूठा फंसाया गया है। इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया जाए। वहीं अभियोजन अधिकारी की तरफ से जमानत का विरोध किया गया।
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ने अदालत में कहा कि हत्या एक सुनियोजित साजिश के तहत की गई थी, जिसकी सभी परिस्थितियाँ और गवाह इस बात का समर्थन करते हैं। कोर्ट में तथ्य रखा गया कि यदि आरोपियों को अभी जमानत मिल गई तो गवाहों को प्रभावित कर सकते है। सभी दलील सुनने के बाद अदालत ने चारों की जमानत खारिज कर दी है।
सोशल मीडिया ट्रायल से आरोपियों को नुक्सान!
निक्की भाटी हत्याकांड में चारो आरोपियों की जमानत खारिज होने के बाद जिले के कई कानूनविदों ने कहा कि केस के समय आरोपियों की से चले सोशल मीडिया ट्रायल ने भी उनके खिलाफ ही काम किया I ये माना गया कि अगर ऐसे आरोपियों को ज़मानत मिल गयी तो ये केस के तथ्यों को प्रभावित कर सकते है इससे कानून और संविधान के प्रति लोगो के मन में गलत धारणा बन सकती है । चर्चा है कि इस मामले के चलते स्थानीय समाज में नाराजगी फैल गई है और ऐसी घटनाओं के प्रति सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है और भरोसा जताया है कि न्याय मिलेगा।
अधिवक्ता उधम सिंह तोंगड़ ने एनसीआर खबर को बताया कि निक्की को एक षडयंत्र के तहत मारा गया है। वह आरोपियों को सजा दिलाने का काम करेंगे। अभी निचली अदालत में याचिका खारिज कराई गई है। आरोपियों की तरफ से सेशन कोर्ट में जमानत याचिका डाली जाती है तो वहां भी जमानत याचिका खारिज कराने के लिए पैरवी करेंगे।
क्या है निक्की मर्डर?
ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में 21 अगस्त को आग में जलकर निक्की की मौत हो गई थी। हत्या का आरोप निक्की के पति विपिन व ससुराल पक्ष के अन्य लोगों पर है। इस मामले में ससुराल पक्ष के कुल 4 लोग जेल में बंद है। पुलिस ने मामले में कई साक्ष्य एकत्र किए है। पुलिस इस मामले में मजबूत पैरवी कोर्ट मे ंकर रही है।