JollyLLB3Review : फिल्म किसानों के नाम पर एजेंडा सेट करने में सफल किंतु कुटिल वामपंथी फिल्म है

आशु भटनागर
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आशु भटनागर। JollyLLB3 पहले दो फिल्मों के मुकाबले बेहद सतही मूवी है । इस मूवी में वकीलों के दाव पेच कम सोशल मीडिया और व्हाट्सएप से उठाए हुए ज्ञान ज्यादा है । फिल्म को अपने अंबानी जी की कंपनी स्टार नेटवर्क 18 स्टूडियो ने प्रोड्यूस किया है । ऐसे में बार-बार ये समझ नहीं आ रहा की फिल्म कौन से बड़े उद्योगपति को टारगेट करके बनाई गई है । राजस्थान के किसी गांव को पारसौल दिखाया गया है, जबकि किसानों को लेकर नोएडा के पास भट्टा पारसौल में 2011 में बड़ा किसानो का आंदोलन हुआ था । जिसमें तब के तत्कालीन मायावती सरकार के खिलाफ कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी एक अनजान से कांग्रेसी कार्यकर्ता धीरेंद्र सिंह की मोटरसाइकिल पर बैठकर पहुंचे थे और बाद में वही अनजान से कांग्रेस कार्यकर्ता 2017 में मौका मिलते ही भाजपा के टिकट पर विधायक बन गए । पर ये मैं क्यों बता रहा क्योंकि पारसौल नाम के बावजूद ऐसा कुछ भी फिल्म में नहीं है । कपूर मायावती के खिलाफ क्यों कुछ नहीं दिखा सकते वो आगे बताऊंगा।

खैर सुभाष कपूर ने बीते समय हुए दिल्ली के किसान आंदोलन और किसान को अन्नदाता घोषित करने और NGO को विदेशी फंडिंग से भारत में अस्थिर करने जैसे आरोपी को जवाब देने के लिए यह फिल्म बनाने की कोशिश तो की किंतु ना वैसे फिल्म बना सके ना ही फिल्म में गंभीरता ला सके फिल्म में दो-दो वकील हैं और दोनों वकालत से ज्यादा व्हाट्सएपिपा के काम करते नजर आते हैं ।

असल में सुभाष कपूर का स्टाइल है किसी एक केस के बहाने अदालत ही कार्यवाही को गहराई से प्रदर्शित करना । मुझे याद है सुभाष कपूर पॉलिटिकल पत्रकारिता से जुड़े रहे है । कट्टर वामपंथी या फिर मैं कहूं अल्ट्रा लिफ्ट वाले हैं जौली एलएलबी के अलावा उन्होंने मैडम चीफ मिनिस्टर फिल्म ओर महारानी जैसी वेब सीरीज बनाई है । कपूर ने मायावती को आधार रखकर मैडम चीफ मिनिस्टर जैसे फिल्म बनाई थी इसलिए वह इस फिल्म में उनके समय हुए भत्ता पारसौल की घटना को पूरा दबा गए है। क्योंकि फिल्म का मुख्य एजेंडा भट्टा पारसौल की घटना नहीं भारत में किसान आंदोलन के समय हुए किसानों की इमेज के डैमेज को सही करना है ।

फिर भी यह फिल्म कॉमेडी के जरिए धीरे से ही सही अपने एजेंडे को लोगों में भरने की कोशिश में कामयाब होती दिखाई देती है। राइट विंग के निर्देशको को वामपंथी फिल्म कारों से यह बात जरूर सीखनी चाहिए की धीमा जहर कैसे लोगों को दिया जाता है अभी राइट विंगर्स पर विशुद्ध तौर पर सीधा हमला करने वाले फिल्मकार ही उपलब्ध है इनमें विवेक अग्निहोत्री का नाम सबसे ऊपर है ऐसे में जब वह कुछ बनाते हैं तो उन पर सीधा प्रोपेगेंडा का आरोप लग जाता है किंतु लेफ्ट विंग के पास विशाल भारद्वाज गुलजार सुभाष कपूर जैसे तमाम नाम मौजूद हैं जो आम जनता की नब्ज पकड़कर अर्बन नक्सलवाद को की विचारधारा को अपने प्रोपेगेंडा में पोषित करते है ।

कुल मिलाकर अगर आप जौली एलएलबी सीरीज की तीसरी फिल्म देखने के मन से जा रहे हैं तो बिल्कुल मत जाइए, फिल्म आपको निराश करेगी । फिल्म की स्टोरी में कोई कसावट नहीं है, स्क्रीनप्ले ढीला है डायलॉग व्हाट्सएप से लिए गए हैं एक्टिंग के नाम पर अक्षय कुमार और अरशद वारसी दोनों ही वकीलों को जोकर साबित करते दिखाई देते हैं और पहली बार जज के रोमांटिक एंगल को जोड़कर जजों की भी मिट्टी पलीत करने का खूबसूरत कम इस फिल्म के जरिए कर दिया गया है । पहले दो फिल्में वाले देखने वालों को अचानक लगेगा कि उन फिल्मों में बेटी की शादी करने वाला जज बुढ़ापे में टेंडर पर लड़कियां देख रहा है। इसमें जज से ज्यादा कहानी लिखने वाले सुभाष कपूर का पतन नजर आ रहा है जो अपनी फिल्म के सीक्वल के चरित्र को लगातार नीचे गिराते जा रहे हैं जबकि जज के ही किरदार के वजह से जौली एलएलबी 1 और 2 को सराहा गया था ।
मेरी तरफ से फिल्म को 2 स्टार । एक दर्शकों को बीच-बीच में व्हाट्सएप वाले पंचों के जरिए हंसने की कोशिश के लिए दो अंबानी के पैसे से अंबानी को ही गाली देने की कला के लिए।

नोट : अंत में मेरी चिंता टी-सीरीज के भूषण कुमार को लेकर भी है जो अपने पिता को श्रद्धांजलि देने के लिए सुभाष कपूर को ही जिम्मा सौंपे हुए है। अब आप समझिए कि हिंदुत्व की सोच वाले धार्मिक सफल बिजनेसमैन की कहानी को एक अल्ट्रा लेफ्ट कट्टरपंथी वामपंथी बताएगा तो वह स्व गुलशन कुमार के किरदार में आमिर खान से फिल्म में क्या-क्या करवा सकता हैं और उनको कैसा दिखा सकता है ये समझना मुश्किल नहीं है ।
बाकी वामपंथियों के प्रोपेगैंडा का एक सफल उदाहरण यह भी है कि उन्होंने आर्य समाजी भगत सिंह को वामपंथी भगत सिंह साबित किया हुआ है ।

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आशु भटनागर बीते 15 वर्षो से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(रु999) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे