आशु भटनागर ।लगभग 10 वर्षों तक सात बार सेवा विस्तार लेने वाले पूर्व सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह के बाद वर्तमान सीईओ राकेश कुमार सिंह ने कार्यभार संभालने के दो मा 5 दिन बाद अपनी पहली (संभवतः आखरी भी )बोर्ड बैठक में बोर्ड के सामने यमुना प्राधिकरण का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया । बोर्ड बैठक की अध्यक्षता प्राधिकरण अध्यक्ष व अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने की। बैठक में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी नागेंद्र सिंह, विशेष कार्याधिकारी शैलेन्द्र भाटिया व शैलेन्द्र सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य अधिकारी सुनील कुमार सिंह समेत अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
प्राधिकरण द्वारा मीडिया के लिए जारी प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर यमुना प्राधिकरण के सीईओ द्वारा प्रस्तुत मुद्दों में कुल 13 निर्णय लिए गए जिसमें बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष में प्राधिकरण की परिसंपत्तियों और कुल भुगतान की जानकारी प्रमुखता से बताई गई है। इसके साथ ही अधिग्रहण और भूमि क्रय के सापेक्ष प्रभावित कष्ट करो को 64.7% भुगतान की स्थिति के साथ 7% आबादी भूखंड पात्र कृषकों को आवंटित पात्रों की वस्तु स्थिति को प्रमुखता दी गई है । क्योंकि सीईओ का सेवानिवृत होने का समय सितंबर माह में ही है इसलिए सीईओ ने विशेष नई योजनाओं की जगह 29 स्मार्ट विलेज को विकसित करने की जानकारी बोर्ड को दी जिसमें 9 गांव का कार्य पूर्ण हो चुका है 10 ग्रामों में विकास कार्य प्रगति पर और 10 में प्रस्तावित है । साथी आगरा में बेसहारा गोवंश हेतु गौशाला के निर्माण और गौशाला तक बनाए गए मार्ग की जानकारी बोर्ड को दी गई ।
प्राधिकरण द्वारा बोर्ड को यह भी बताया गया है कि यमुना प्राधिकरण में अब तक बेहद कम बनी बहु मंजिलें भावनाओं ग्रुप हाउसिंग और वेबसाइट भावनाओं के मानचित्रो के स्ट्रक्चरल ऑडिट की पॉलिसी तैयार करने का निर्णय लिया गया है जिसमें नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित पॉलिसी को ही स्वीकार करने की बात की गई।
प्राधिकरण द्वारा नोएडा अपेरल एक्सपोर्ट क्लस्टर पार्क की प्रगति की डिटेल्स भी बोर्ड को दी गई जिसमें बताया गया कि 81 भूखंडों का आवेदन किया गया था जिसके सापेक्ष 65 अवंतियों को लीजडीड हेतु चेकलिस्ट दे दी गई है । साथी प्राधिकरण द्वारा क्षेत्र में जारी रियल स्टेट प्रोजेक्ट्स की देयताओं की गणना भी बोर्ड को बताई गई ।
ऐसे में 13 सूत्री बोर्ड निर्णय के बाद प्रश्न यह है कि इन निर्णयों से क्षेत्र में निवेश कर चुके और निवेश करने आ रहे लोगों को क्या लाभ हुआ है दो माह पुराने हो चुके सीईओ ने इस क्षेत्र में बना रहे दो सबसे महत्वपूर्ण नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रथम चरण के लोकार्पण और फिल्म सिटी के शिलान्यास से संबंधित किसी निर्णय की कोई जानकारी नहीं दी । या फिर यूं कहें कि संभवत प्राधिकरण द्वारा बोर्ड बैठक में इन दोनों ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई हो जिसके कारण इन पर कोई निर्णय भी नहीं आया ।
यद्यपि दी गई प्रेस विज्ञप्ति में इस बात का भी कोई जिक्र नहीं है कि बीते दो माह में कितने नए प्रोजेक्ट्स के लिए एमओयू साइन किए गए हैं। प्राधिकरण द्वारा बीते 2 माह में भूमाफियाओ द्वारा कब्ज़ा की गयी कितनी भूमि को मुक्त कराया गया, कितनो को भूमाफिया घोषित किया गया ?
ऐसा लगता है मात्र लेटर ऑफ इंटेंट के जरिए प्राधिकरण और उनके सीईओ अपनी पीठ थपथपाने में लगे हैं । तो क्या यमुना प्राधिकरण बोर्ड की 86वीं बोर्ड बैठक बस 2 माह पूर्व आए सीईओ राकेश कुमार सिंह के लिए एक प्रक्रिया मात्र थी जिसे करना बेहद आवश्यक था। साथ ही ये प्रश्न भी आवश्यक हैं कि महज 20 से 25 दिन बाद सेवा विस्तार देकर उत्तर प्रदेश सरकार फिर से अगले 6 माह के लिए एक एक्सटेंशन वाला सीईओ जनता को देगी या अगले 3 वर्षों के लिए एक पूर्णकालिक सीईओ देगी ताकि वो अपने वाली बोर्ड बैठकों में वस्तु स्थिति अवगत करने की जगह कुछ ठोस परियोजनाओं ओर विकास के लिए काम कर सके ।