यूपी के इस जिले की सबसे बड़ी रेड: 70 गाड़ियों में पहुंची आयकर टीम, मीट कारोबारियों के ठिकानों पर बोला धावा

NCR Khabar Internet Desk
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सोमवार सुबह आयकर विभाग की चार टीमों ने मीट कारोबारी इमरान और इरफान के ठिकानों पर अचानक छापेमारी की। इस छापेमारी में सौ से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए, जो जिले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। सुबह चार बजे शुरू हुई यह छापेमारी देर रात तक जारी रही, जिसमें टीम ने संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की।

इमरान और इरफान ने लगभग 20 वर्ष पहले मीट फैक्टरी की स्थापना की थी, जबकि इससे पूर्व वे हड्डी के कारोबार में संलग्न थे। अब, उनके पास संभल के साथ-साथ हापुड़, बरेली और कैराना में भी मीट फैक्ट्रियाँ हैं, जिनका वार्षिक कारोबार कई सौ करोड़ रुपये का है।

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दस्तावेजों की छानबीन

छापेमारी के दौरान इनके मकान और फैक्टरी के दरवाजे भीतर से बंद कर दिए गए थे, जिससे बाहर मौजूद लोगों को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। टीमें फैक्टरी के अंदर और मकान पर लगभग 40-40 अधिकारी और कर्मचारियों के साथ दस्तावेजों की छानबीन कर रही थीं। सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग को रिश्तेदारों और कर्मचारियों के घरों पर भी महत्वपूर्ण जानकारी मिली है, हालांकि टीम ने इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

आयकर की टीमों ने चमन सराय में भी छानबीन की, जहां रिश्तेदार और कर्मचारियों के घरों पर कार्रवाई की जा रही थी। एक गहन रिपोर्ट के अनुसार, मीट कारोबारी के ठिकानों पर यह छापेमारी कई महीनों की जानकारी और योजना के बाद की गई थी।

सोशल मीडिया पर चर्चा

इस कार्रवाई के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है। कुछ उपयोगकर्ताओं ने एक रहस्यमय डायरी की बात की है, जो फिलहाल चर्चा का विषय बनी हुई है। इसके बारे में बताया गया है कि इस डायरी में संभावित महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं दी हैं।

साझा की गई सूचनाएँ

जिस समय यह छापेमारी हुई, उस दौरान मीट फैक्टरी में कर्मचारियों और मजदूरों की संख्या 100 से अधिक थी। दरअसल, रात के समय में मीट की सप्लाई अपना काम करती है, और इस समय निर्यात के लिए मीट के कंटेनर भी तैयार होते हैं। टीम ने यह कार्रवाई उस समय की, जब दस्तावेजों की देखरेख करने वाले कर्मचारी भी फैक्टरी में मौजूद रहते हैं।

फैक्टरी में एक कैटीन भी है, जहाँ कर्मचारियों की भोजन की पूरी व्यवस्था है। छानबीन के पूर्ण होने के बाद ही सभी मजदूरों और कर्मचारियों को बाहर जाने की अनुमति दी गई।

यह छापेमारी मीट कारोबारी इमरान और इरफान की व्यावसायिक गतिविधियों के संबंध में जांच प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आयकर विभाग की कड़ी निगरानी और कार्रवाई का संकेत देती है। जिले में होने वाली इस सबसे बड़ी रेड ने न केवल स्थानीय व्यापारियों के बीच हलचल मचा दी है, बल्कि आम जनता में भी चर्चा का एक नया विषय प्रस्तुत किया है। अब देखना यह होगा कि इस कार्रवाई के परिणाम क्या निकलते हैं और पुलिस और अन्य विभाग क्या कदम उठाते हैं।

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