उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) में प्रबंधक विद्युत यांत्रिक हेमेंद्र प्रताप सिंह को बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई नियमों की अनदेखी और मनमानी करने के आरोपों के चलते की गई है।
जानकारी के अनुसार, हेमेंद्र प्रताप सिंह को 27 नवंबर 2020 को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण से यूपीसीडा स्थानांतरित किया गया था। लेकिन उन्हें एक दिसंबर 2020 को कार्यमुक्त कर दिए जाने के बाद, उन्होंने यूपीसीडा में कार्यभार संभालने के बजाय 18 अप्रैल 2022 तक अनुपस्थित रहे। उनकी अनुपस्थिति को अनधिकृत माना गया, और यह पाया गया कि उन्होंने चिकित्सा अवकाश के लिए निर्धारित प्रारूप पर आवेदन नहीं किया। इसके अलावा, उनके पास पर्याप्त आधार या संतोषप्रद स्पष्टीकरण नहीं था, जिससे उनकी अनुपस्थिति को उचित ठहराया जा सके।
इन आरोपों की जाँच के लिए एसीईओ द्वारा रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें हेमेंद्र प्रताप सिंह पर लगे आरोप सही पाए गए। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने इन जांच प्रतिवेदन के आधार पर उन्हें उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील 1999) नियम के अंतर्गत सेवा समाप्ति का प्रस्ताव अनुमोदित किया। इस बर्खास्तगी के साथ ही, राज्य में सरकारी सेवकों के अनुशासन और कार्यकुशलता के प्रति सरकार की सख्त नीति को दर्शाया गया है।
वहीं, दूसरी ओर, आईएएस सुरेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सचिव फिर से नियुक्त किया गया है। सुरेंद्र सिंह ने नई दिल्ली से प्रतिनियुक्ति वापस लौटने के बाद इस पद पर पुनः आसीन होने का अवसर प्राप्त किया। वह पहले भी मुख्यमंत्री के विशेष सचिव और सचिव रह चुके हैं। सुरेंद्र सिंह, जो 2005 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, को वाराणसी के डीएम के बाद विशेष सचिव मुख्यमंत्री बनाया गया था।