गाजियाबाद: क्रॉसिंग रिपब्लिक क्षेत्र में एक दादी और पोती से ऑटो में सवार होकर गहनों की लूट करने वाले चार आरोपियों को सोमवार को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इस घटना की खास बात यह है कि अपराध में शामिल दो आरोपी पीड़ित दादी-पोती के गांव के ही रहने वाले निकले। मुठभेड़ के दौरान दो आरोपी गोली लगने से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से लूटे गए गहने, दो तमंचे और अपराध में इस्तेमाल किया गया ऑटो भी बरामद किया है।
मामले का खुलासा करते हुए एसीपी प्रियाश्री पाल ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इरफान और सादाब, दोनों डासना निवासी, तथा अमन गर्ग और नाजिम, दोनों कुशलिया निवासी के रूप में हुई है। पुलिस ने जब जल पॉइंट रोड के पास इन आरोपियों को रोकने का प्रयास किया तो वे भागने लगे। आरोपियों ने रिछपाल गढ़ी की पुलिया की ओर ऑटो दौड़ा दिया। जब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें इरफान और सादाब के पैर में गोली लगी।

सभी चारों आरोपियों को पकड़ने के बाद उन्होंने दादी-पोती से लूट की घटना को अंजाम देने की बात कबूल कर ली। आरोपी अमन ने पूछताछ में बताया कि वह कुशलिया गांव का रहने वाला है। पीड़ित बुजुर्ग मधु ने उसे वसुंधरा जाने के लिए बुक किया था। मधु द्वारा पहने गए गहनों को देखकर अमन के मन में लालच आ गया। उसने तुरंत अपने साथी नाजिम को फोन कर बुलाया और रास्ते में इरफान व सादाब को भी मिलने के लिए कह दिया। इसके बाद चारों ने मिलकर योजनाबद्ध तरीके से दादी-पोती को तमंचे के बल पर डराकर उनके गहने लूट लिए और धमकी देकर फरार हो गए थे।
एसीपी ने यह भी बताया कि आरोपी अमन का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, जबकि इरफान और सादाब का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। उनके खिलाफ पहले से ही दो अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज हैं।

मधु ने दर्ज कराया था मुकदमा:
पीड़ित मधु ने अपनी शिकायत में बताया था कि चूंकि अमन उनके गांव का ही रहने वाला था, इसलिए वह उसे और उसके परिवार को पहले से जानती थीं। उन्हें वसुंधरा में अपने भाई के घर जाना था, इसलिए उन्होंने अमन को बुलाया था। मधु ने इस बात पर गहरा दुख व्यक्त किया कि गांव का ही एक लड़का उनकी लूट की घटना में शामिल हो जाएगा, इसका उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था।


