राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के चलते ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का पहला चरण मंगलवार से लागू कर दिया गया है। आज दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 211 दर्ज किया गया, जो कि खराब श्रेणी में आता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आने वाले दिनों में भी AQI खराब श्रेणी में बना रहने की संभावना है, जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
ग्रैप-1 को तब लागू किया जाता है जब AQI स्तर 200 के पार होता है। मंगलवार को जब AQI 211 पर पहुंच गया, तब प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाने का निर्णय लिया। इस योजना के तहत होटलों और रेस्तरां में कोयले और लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा, पुरानी पेट्रोल और डीजल वाहनों (बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल) के संचालन पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।

ग्रैप-1 का उद्देश्य वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस और तात्कालिक कदम उठाना है। इसके तहत निम्नलिखित उपायों को अपनाया जाएगा:
- धूल नियंत्रण: निर्माण और ध्वंस गतिविधियों में धूल शमन उपायों और कचरे के प्रबंधन पर ध्यान दिया जाएगा। 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक वाले भूखंड आकार की परियोजनाओं के लिए पर्याप्त पंजीकरण अनिवार्य होगा।
- कचरा प्रबंधन: नगरपालिका ठोस अपशिष्ट, निर्माण और ध्वंस अपशिष्ट, और खतरनाक कचरे का नियमित उठाव सुनिश्चित किया जाएगा। किसी भी कचरे को अवैध रूप से खुले क्षेत्रों में डंप नहीं किया जाएगा।
- सड़कों की सफाई: सड़कों पर समय-समय पर मशीन से सफाई और पानी का छिड़काव किया जाएगा।
- वाहनों की जांच: वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र की कड़ी निगरानी की जाएगी।
- डीज़ल जनरेटर का उपयोग: डीजल जनरेटर सेट बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में नहीं उपयोग किए जा सकेंगे।
नागरिकों से अपेक्षाएं
इसी तरह, नागरिकों से भी अपेक्षाएं हैं कि वे वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करें:
- वाहनों के इंजन को ठीक से ट्यून रखें और उचित टायर दबाव बनाए रखें।
- लाल बत्ती पर इंजन बंद कर दें और 10-15 वर्ष पुराने पेट्रोल या डीजल वाहनों का संचालन न करें।
- हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दें।
- खुले स्थानों पर कचरा न फैलाएं और उचित निस्तारण करें।