नोएडा की पॉश सोसाइटियों में अवैध कमाई का जरिया बने होमस्टे और बीएंडबी, पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने जिला प्रशासन को लिखा पत्र तो प्रशासन ने उठाए सख्त कदम

NCR Khabar Internet Desk
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नोएडा: पर्यटकों के लिए शुरू की गई होमस्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट (बीएंडबी) योजना शहर में अवैध कमाई का एक साधन बन गई है। शहर की पॉश सोसाइटियों में इस योजना के तहत सैकड़ों अवैध PG, गेस्ट हाउस और बीएंडबी धड़ल्ले से चल रहे हैं। इस मुद्दे के तात्कालिक समाधान के लिए पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने जिला प्रशासन को पत्र लिखा है, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया है।

सिटी मैजिस्ट्रेट विवेक बदौरिया ने सेक्टर 94 स्थित सुपरनोवा सोसाइटी में मौजूद 100 से अधिक अवैध बीएंडबी और होमस्टे को नोटिस जारी किया है। उल्लेखनीय है कि इनमें से किसी भी स्थान का पंजीकरण नहीं था। सिटी मैजिस्ट्रेट ने स्पष्ट किया कि बिना पंजीकरण के चल रहे पीजी, गेस्ट हाउस और बीएंडबी के खिलाफ दिवाली के अवसर पर विशेष अभियान चलाया जाएगा।

पुलिस का अभियान

पुलिस प्रशासन ने हाल ही में बिना मानकों और पंजीकरण के चल रहे होटलों और गेस्ट हाउसों के खिलाफ एक अभियान चलाया था। इस दौरान पता चला कि केवल 25 प्रतिशत से कम के स्थानों का पंजीकरण है। पुलिस कमिश्नर ने अगस्त में जीएम को पत्र लिखा था जिसमें ऐसे होटलों और होमस्टे के संदिग्ध ठिकानों पर कार्रवाई की मांग की गई थी। इसके पश्चात जिला मजिस्ट्रेट के निर्देशों के तहत अब प्रशासन द्वारा कार्रवाई शुरू की गई है।

सिटी मैजिस्ट्रेट विवेक बदौरिया की जांच में सुपरनोवा में 100 से अधिक फ्लैटों का होटल के तौर पर उपयोग किया जा रहा था। इन सभी को बंद कराने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।

होटल भी रडार पर

केवल बीएंडबी ही नहीं, बल्कि शहर में बिना पंजीकरण के चल रहे 300 से ज्यादा अवैध होटल भी जांच के दायरे में आ गए हैं। पुलिस के अभियान में 263 ऐसे होटलों को नोटिस दिया गया है। सिटी मैजिस्ट्रेट ने बताया कि सराय एक्ट के तहत पंजीकरण न कराने वाले होटलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई प्रारंभ की गई है। दिवाली के बाद इस अभियान को और तेज किया जाएगा।

प्रदेश सरकार की पॉलिसी

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार की पॉलिसी के तहत डोम स्टे और बीएंडबी का पंजीकरण अनिवार्य है, जो कि 3 साल के लिए वैध रहेगा। एक होम स्टे या बीएंडबी को सिल्वर श्रेणी में पंजीकरण कराने के लिए 2,000 रुपये और गोल्ड श्रेणी के लिए 3,000 रुपये का शुल्क देना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सिल्वर वर्ग में 500 रुपये और गोल्ड वर्ग में 750 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है।

इस योजना के तहत केवल मकान मालिक ही पंजीकरण करा सकते हैं, न कि कोई किराये या लीज पर मकान लेकर। इसके अलावा, पंजीकरण कराने वाले को बिजली, पानी, किचन, शौचालय की व्यवस्था के साथ रखरखाव के लिए एक केयर टेकर भी नियुक्त करना अनिवार्य होगा। यदि पंजीकरण के दौरान सुरक्षा एवं सेवा नियमावली का उल्लंघन किया जाता है, तो कभी भी पंजीकरण रद्द भी किया जा सकता है।

यह स्पष्ट है कि अवैध ठिकानों पर कार्रवाई कर प्रशासन ने न केवल स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन अनिवार्य है। अब देखना है कि क्या इन कार्रवाईयों से अवैध पीजी और गेस्ट हाउस का कारोबार नियमित किया जा सकेगा या नहीं।

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